नई दिल्ली। नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को संसद और सडक़,
दोनों जगहों पर सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी की है। संसद में जहां एकजुट
विपक्ष के हंगामे से आज भी काम ठप है, वहीं सडक़ पर ‘भारत बंद’ को लेकर
विपक्षी पार्टियां बिखरी हुई हैं। कांग्रेस, बसपा, टीएमसी, जदयू समेत
प्रमुख पार्टियां बंद के खिलाफ हैं। कांग्रेस इसमें सीधे तौर पर शामिल न
होकर जन आक्रोश दिवस मना रही है, वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने
कोलकाता में विशाल रैली आयोजित की है।
संसद में सोमवार को नोटबंदी के
मुद्दे पर विपक्ष ने पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग को लेकर हंगामा
जारी रखा। सोमवार को 11 बजे से ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू
होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के हंगामे पर गृहमंत्री
राजनाथ सिंह ने कहा, नोटबंदी पर सरकार चर्चा के लिए तैयार है, संसद में
हंगामे की जरूरत नहीं है। अगर विपक्ष चाहता है, तो पीएम सदन में आएंगे और
बहस करेंगे। नोटबंदी पर विपक्ष हंगामा क्यों क्यों कर रहा है, बहस क्यों
नहीं? कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पीएम को आने दीजिए और हमसे
सदन के अंदर बात करने दीजिए। कांग्रेस सांसदों ने संसद परिसर में भी
नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया। सपा सांसद मुलायम सिंह यादव ने कहा कि
नोटबंदी से किसानों को परेशानियां हो रही हैं, पीएम संसद में बयान दें।
हंगामे के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई
है।
राज्यसभा में सुबह कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद वेल में
आकर पीएम के बयान की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के कारण
अध्यक्ष ने 11 मिनट बाद ही राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी वहीं,
लोकसभा में हंगामे के कारण कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इसके
पहले नोटबंदी पर संसद में सुबह 9:30 बजे से विपक्षी दलों की भी मीटिंग
हुई। मीटिंग में तय हुआ कि नोटबंदी पर पीएम ने जो बयान दिया है, उसके लिए
उन्हें विपक्ष से माफी मांगनी चाहिए। दूसरी ओर पीएम मोदी ने भी सुबह 10:30
बजे भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ संसद में मीटिंग की।
मायावती का पीएम मोदी पर हमला
नोटबंदी की राय देने वाले की पूरी राय नहीं मानी...
नोटबंदी के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए बसपा प्रमुख मायावती
ने इसे लोगों के लिए तकलीफ वाला फैसला बताया। मायावती ने कहा, ‘बीजेपी कह
रही है कि विपक्षी पार्टियों ने भारत बंद बुलाया है। पर, हकीकत यह है कि
पीएम की नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही भारत बंद है।’ उन्होंने कहा, ‘हम
भारत बंद में शामिल नहीं हैं। विरोध का हमारा अपना तरीका है। पीएम केवल
बाहर लंबी-चौड़ी बातें कर रहे हैं। पीएम की सदन में आकर जवाब देने की
हिम्मत नहीं है। सरकार नोटबंदी पर तानाशाही रवैया छोड़े।’
भारत बंद का असर कम
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इस बीच नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष का भारत बंद का आंशिक असर दिखाई दे रहा है।
बिहार में प्रदर्शनकारियों ने कुछ जगह ट्रेनें रोकीं वहीं यूपी में बंद का
छिटपुट असर है। तमिलनाडु में भी बंद का असर कम है। बता दें कि लेफ्ट
पार्टियां सीपीएम और सीपीआई ने नोटबंदी के खिलाफ 12 घंटे का राष्ट्रव्यापी
बंद बुलाया है, लेकिन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और नीतीश कुमार की
अगुआई वाली जदयू ने इस बंद से खुद को अलग रखा है। वहीं कांग्रेस ने भारत
बंद का समर्थन नहीं करने की बात कही है। अब बसपा ने भी बंद से खुद को अलग
कर लिया है।
बिहार में ट्रेनें रोकीं, यूपी में आंशिक असर
शुरुआती घंटों के दौरान भारत बंद का ज्यादातर जगहों पर आंशिक असर ही दिख
रहा है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बंद का छिटपुट असर है। इलाहाबाद
में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कई जगह सडक़ जाम किया। बिहार के
दरभंगा, जहानाबाद में सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के विरोध में
ट्रेनें रोकीं। फिलहाल बिहार में भी बंद का ज्यादा असर नहीं दिखाई दे रहा
है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में भारत बंद के दौरान दुकानें बंद
दिखीं। तमिलनाडु में राजधानी चेन्नई में द्रमुक कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह
बसें रोकने की कोशिश कीं। कर्नाटक में भी बंद का कोई असर नहीं है। हालांकि
राज्य के कुछ हिस्सों में विपक्षी दल प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं।
भारत बंद नहीं, जन आक्रोश दिवस का किया ऐलान, कांग्रेस
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सीपीएम, आप और सपा ने बंद का समर्थन करने का ऐलान किया है। उधर,
प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा द्वारा ‘भारत बंद’ बुलाए जाने को लेकर आलोचना
झेल रही कांग्रेस ने साफ किया है कि उसने बंद नहीं बुलाया है। कांग्रेस ने
भाजपा पर दुष्प्रचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि उसने ‘भारत बंद’
नहीं, बल्कि ‘अखिल भारतीय जन आक्रोश दिवस’ बुलाया है। कांग्रेस के वरिष्ठ
नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि उन्होंने भारत बंद नहीं बुलाया
है, क्योंकि इससे आम लोगों को तकलीफ होगी। उन्होंने कहा, ‘हमने जन आक्रोश
दिवस बुलाया है।’ मालूम हो कि पीएम मोदी ने रविवार को बंद की खबरों का
जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष को बंद का आयोजन करने की जगह, काला धन के
खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ देना चाहिए।
शुक्रवार को भी दोनों सदनों में हआ था जोरदार हंगामा
नोटबंदी की राय देने वाले की पूरी राय नहीं मानी...
इससे पहले शुक्रवार को भी विपक्ष के जोरदार हंगामे की वजह से संसद के दोनों
सदनों लोकसभा-राज्यसभा कार्यवाही नहीं चल पाई थी। राज्यसभा में विपक्षी
सदस्यों की पीएम को सदन में बुलाने की मांग को लेकर किए गए हंगामे के कारण
सदन की कार्यवाही पहले 2:30 बजे तक और बाद में 28 नवंबर तक के लिए स्थगित
कर दी गई थी। इस बीच, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर
निशाना साधा, मोदी जी पहले हंस रहे थे, फिर रोने लगे। अपनी भावनाएं संसद
में आकर दिखाएं पीएम।
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