भगत सिंह के विचारों को युवाओं तक पहुंचाना समय की मांग

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 27 नवम्बर 2016, 10:43 PM (IST)

चंडीगढ़। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की लोकप्रियता तो एक इंटरनेशनल यूथ आईकॉन के रूप में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, परंतु आज समय की मांग है कि भगत सिंह के विचारों को 21वीं सदी में स्कूल, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे युवाओं तक भी पहुंचाया जाए।

साढे 23 साल की उम्र में मातृभूमि हेतु फांसी के फंदे को चूमने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह एक बहुत बड़े विचारक थे, जो अपने अंतिम समय तक मानव के द्वारा मानव का शोषण बंद करने के उपाय पुस्तकों में ढूंढते रहे। वे अपने अपने छोटे से जीवनकाल में 550 से ज्यादा पुस्तकें पढ़ चुके थे। आशा है कि भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग, पंचकूला के माध्यम से शहीद-ए-आजम के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का रचनात्मक प्रयास किया जाएगा ताकि देश में एकरूपता एवं समानता का महौल बन सके।’’
उपरोक्त विचार पंचकूला में आयोजित भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग की जनरल बॉडी की तीसरी मीटिंग के अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार गोबिन्द ठुकराल ने अपने मुख्य अभिभाषण में प्रकट किए।
भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग, पंचकूला के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रसिद्ध इतिहासकार डा० एम एम जुनेजा ने इस अवसर पर कहा कि भगत सिंह स्कूल आफॅ लर्निंग की स्थापना के गत 115 दिनों में हरियाणा के चार जिलों पंचकूला, सिरसा, हिसार एवं रोहतक के विभिन्न स्कूल एवं कॉलेजों में 10 भगत सिंह मैमोरियल लैक्चरों का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 2000 युवाओं को राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेवारियों का अहसास करवाकर, उन्हें देश निर्माण में अपना रचनात्मक सहयोग देने हेतु प्रेरित किया गया।



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