नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप
लगाया कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने 12 वर्ष तक एक
भ्रष्ट मंत्री को संरक्षण दिया।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सौरभ
पटेल 14 साल तक गुजरात के ऊर्जा राज्य मंत्री रहे और इस दौरान गैस व
पेट्रोरसायन का कारोबार करने वाली कंपनियों में उनके परिवार ने निवेश किया
हुआ था।
इस रिपोर्ट का संदर्भ देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु
सिंघवी ने कहा कि मोदी को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
सिंघवी ने कहा,इस बात का पर्दाफाश हुआ है कि किस प्रकार सौरभ पटेल और उनके
परिवार की कंपनी ने ऊर्जा व पेट्रोरसायन में कारोबार करने वाली बहामास की
कंपनी में निवेश किया था।
सौरभ पटेल 14 साल मंत्री रहे। इनमें से 12 साल वह तत्कालीन मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मंत्री रहे।
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रहे सौरभ पटेल 14 वर्ष पेट्रोरसायन मंत्री रहे। नए मुख्यमंत्री विजय
रूपानी ने इस साल सात अगस्त को उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया।
सिंघवी ने कहा कि पटेल ने इन कंपनियों की सहायता से सरकारी कंपनी गुजरात
स्टेट पेट्रोलियम कॉर्प (जीएसपीसी) में ऑयल ब्लॉक भी लिया। उन्होंने
कहा,क्या यह केवल हितों का टकराव है। मुझे लगता है कि इस मामले में हितों
का टकराव हल्का शब्द है। यह भ्रष्टाचार है। देश व संसद अब प्रधानमंत्री तथा
गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री से जवाब मांग रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि देश के सबसे प्रभावशाली औद्योगिक
परिवार की पैरवी पर पटेल को मोदी ने यह महत्वपूर्ण व बडा मंत्रालय दिया था।
यह मामला दाल में काले का नहीं है, बल्कि यहां पूरी दाल ही काली है।
प्रधानमंत्री नोटबंदी पर बोलने से भाग रहे हैं। क्या वह इस मुद्दे पर भी
भागेंगे।
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