नई दिल्ली। माकपा ने कहा कि जिस तरीके से नोटबंदी का कदम उठाया गया इससे
सरकार की पूर्ण अक्षमता और घपला सामने आया है। पार्टी की पत्रिका पीपुल्स
डेमोक्रेसी के संपादकीय में कहा गया कि 500 और 1000 रूपये के नोटों की
वापसी कालेधन के खिलाफ युद्ध की बजाय आम लोगों से एक युद्ध की तरह हो गई
है।
माकपा ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी की घोषणा किए जाने से पहले नए
नोटों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोई तैयारी नहीं की गई थी।
संपादकीय में कहा गया कि एटीएम भी नए आकार के नोटों के अनुकूल नहीं किए गए
थे। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि मोदी और उनकी सरकार कालेधन के खुलासे
में नोटबंदी को एक बडे कदम के रूप में पेश करने की कोशिश में जुटी थी। इस
तरह उन्होंने गलत विचार फैलाया कि कालेधन के रूप में बडे नोटों की जमाखोरी
की गई है।
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संपादकीय में कहा गया है कि कालेधन का बडा हिस्सा रियल एस्टेट, सोना, आभूषण
में परिवर्तित कर दिया गया है। यह विदेशी मुद्रा के रूप में विदेश में भी
है। कालाधन समानांतर अर्थव्यवस्था के रूप में मौजूद है। संपादकीय में मोदी
सरकार पर कालेधन के अर्थव्यवस्था में प्रवाह को रोकने के लिए कोई नियंत्रण
नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इसमें बडे व्यावसायिक घरानों पर कर चोरी
करने और राष्ट्रीयकृत बैंकों के हजारों करोड के कर्ज नहीं चुकाने पर कोई
कार्रवाई नहीं किए जाने की बात कही गई है। संपादकीय में यह दावा किया गया
है कि यह भ्रष्टाचार से लडाई में एक खोखला कदम है।
(आईएएनएस)
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