नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर विज्ञान भवन में प्रेस काउंसिल
की ओर से आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा
कि इमरजेेंसी के दौरान प्रेस की आवाज को दबा दिया गया था। उन्होंने मीडिया
के काम में दखलंदाजी नहीं होने देने की वकालत करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी
पर जोर दिया। पीएम ने पत्रकारों की सुरक्षा के सवाल पर चिंता जताते हुए
कहा कि यह मुद्दा सरकारों की प्राथमिकता में होना चाहिए।
पीएम मोदी ने
अभिव्यक्ति की आजादी की बहस को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मीडिया की गलतियों से
उसका आकलन नहीं किया जाना चाहिए। प्रेस परिषद के कार्यक्रम में मोदी ने
कहा, ‘पत्रकारिता का एक अनिवार्य हिस्सा यह भी है कि जो दिखता है सुनाई
देता है उसके सिवाय भी कुछ खोजना।’ पीएम ने कहा कि अक्सर पत्रकार मित्रों
की शिकायत होती है कि सूचनाएं मिल ही नहीं पाती हैं। मोदी ने इस समस्या को
सरकारों को भीतर पसंदीदा पत्रकारों के लिए सिलेक्टिव लीकेज (खबर देने) जैसी
बुराई का नाम दिया। पीएम ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। पीएम ने मीडिया
के काम में बाहरी हस्तक्षेप की निंदा की। उन्होंने कहा कि मीडिया में
आत्मनियंत्रण की व्यवस्था ही ज्यादा सही है।
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देखिए तस्वीरें...
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दरअसल, एक न्यूज चैनल पर एक दिन के प्रसारण पर लगी रोक के बाद
अभिव्यक्ति की आजादी का मसला जोर-शोर से उठाया गया था। हालांकि केंद्र
सरकार ने बाद में इस फैसले पर खुद ही रोक लगा दी थी। पीएम मोदी ने
अभिव्यक्ति की आजादी के संदर्भ में ही बोलते हुए आपातकाल के दौर की भी याद
दिलाई। पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को याद है कि कैसे आपातकाल के दौर में
प्रेस परिषद को बंद कर दिया गया था। उन्होंने इमर्जेंसी में मीडिया की आवाज
दबाने का जिक्र करते हुए कहा कि हालात तब सुधरे जब मोरारजी देसाई
प्रधानमंत्री बने। पीएम ने मीडिया की सकारात्मक भूमिका पर जोर दिया। पीएम
मोदी ने कहा कि मीडिया ने राज्यवार विकास की रिपोर्ट प्रकाशित कर राज्यों
के बीच सकारात्मक कंपीटिशन का भाव विकसित किया है।
पीएम ने स्वच्छता
अभियान जैसे मसलों पर भी मीडिया की बढ़ चढक़र भागीदारी की तारीफ की। पीएम ने
प्रेस दिवस के अवसर पर पत्रकारों की सुरक्षा का मसला भी उठाया। पीएम ने
कहा कि किसी पत्रकार की हत्या या उसपर हमला ज्यादा गंभीर मसला है। बताते
चलें कि हाल में एक बार फिर बिहार में एक पत्रकार की हत्या हुई है। पीएम ने
कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने इस समस्या पर चिंता
जाहिर की थी। पीएम मोदी ने कहा, ‘हम अपने सिद्धांतों में अभिव्यक्ति की
आजादी की बात करते रहते हैं। जबतक इसे व्यवहारिक तौर पर लागू नहीं किया
जाएगा सिद्धांतों से उद्देश्य पूरा नहीं होगा।’ पीएन ने इस अवसर पर पड़ोसी
देशों से आए मीडिया दिग्गजों का भी स्वागत किया। उन्होंने नेपाल भूकंप के
दौरान भारत की मदद का हवाला देते हुए पड़ोसी देशों के साथ स्वस्थ संबंधों
की वकालत की।
पीएम मोदी ने कही ये मुख्य बातें-
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देखिए तस्वीरें...
- जो दिखता है वहीं देश नहीं है
- जो छपता है वही नेता नहीं है
- पहले इतनी चुनौतियां नहीं थीं, पहले सोचने का समय रहता था, आज यह अवसर नहीं बचा है।
- खबरों की जबर्दस्त होड़ है
- तेजी से बदलाव आया है
- प्रेस पर पाबंदी समाज हित में नहीं है
- मीडिया में सरकार का दखल नहीं होना चाहिए
- अभिव्यक्ति की आजादी सबसे ऊपर है
- पत्रकारों की हत्या की खबरें दर्दनाक. सच को दबाने का यह तरीका भयंकर है।
- मेरी पत्रकार जगत से पुरानी दोस्ती है।
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