नई दिल्ली। Monday-14 नवंबर को,68 साल में पहली बार,चांद धरती के सबसे करीब है। चंद्रमा-पृथ्वी के बीच दूरी लगभग 28 हजार किलोमीटर कम होकर
करीब 3 लाख 56 हजार 509 किमी है। इसलिए इसे सबसे बडा सुपरमून कहा जा
रहा है।चांद का आकार सामान्य दिनों की तुलना में करीब 14 फीसदी बडा
दिखाई देगा और यह 30 फीसदी अधिक चमकीला होगा।
पूर्णिमा पर हर महीने चंद्रमा का आकार बडा नजर आता है। लेकिन खगोल विज्ञान
में साल में पृथ्वी के सबसे नजदीक रहने वाले चांद को सुपरमून कहा जाता है।
खगोल विज्ञानियों के मुताबिक जब चंद्रमा 3 लाख 60 हजार किलोमीटर से कम दूरी
पर रहता है तब सुपरमून कहलाता है। इस दौरान उसका आकार भी बडा दिखाई देता
है,अधिक चमकीला दिखता है।
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बता दें,इस साल छह सुपर मून दिखने हैं जिनमें दो अभी शेष हैं, जो14 नवंबर
और 14 दिसंबर को दिखेंगे। ये भी बता दें,चांद की पृथ्वी से औसत दूरी 3.84
लाख किलोमीटर है। चांद 25 नवंबर 2034 को इसके बाद पृथ्वी से सबसे करीब होगा
और 6 दिसंबर 2052 को 3 लाख 56 हजार 425 किमी रहकर पृथ्वी के सबसे करीब
होगा।
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