जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहल पर तैयार किया ऐसा अनूठा और पहला मंच है, जहां काश्तकार और सरकार एक मंच पर बैठकर संवाद कर रहे हैं और अपनी समस्याएं सुलझा रहे हैं।
राठौड़ सीतापुरा मेंं एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में चल रहे ग्राम के दूसरे दिन पशुपालन, पशु चिकित्सा और डेयरी की जाजम (चौपाल) पर किसानों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गांव का भोला-भाला किसान अपनी परेशानी, अपने दर्द और पीड़ा को किसी के साथ भी साझा नहीं कर पाता ऐसे में ‘ग्राम‘ जैसा मंच और एक जाजम पर काश्तकार और सरकार का संवाद अनूठा प्रयास है और इससे किसानों को जरूर लाभ मिलेगा। संवाद के दौरान जो भी समस्याएं सामने आ रही हैं, उन्हें कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा ताकि समस्याओं का निस्तारण हो।
पशुपालन, पशु चिकित्सा और डेयरी की जाजम में सुबह से ही किसानों और काश्तकारों का जमावड़ा रहा। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न अंचल से आए कृषकों ने अपनी समस्याओं और परेशानियों को खुलकर स्वास्थ्य मंत्री के साथ साझा की। चौपाल में अधिक आय के लिए भेड-बकरी में नस्ल सुधार, भेड-बकरियों का स्वास्थ्य प्रबंधन, भेड-बकरियों के पोषण का वैज्ञानिक प्रबंधन, भेड-बकरियों से अधिक उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तकनीकें, अधिक आय के लिए उन प्रबंधन एवं तकनीक के अलावा पशुधन बीमा, फसलों के समर्थन मूल्य, पशुपालकों के लिए मिलने वाले अनुदान और सब्सिडी जैसे अनेक विषय पर किसानों ने खुलकर संवाद किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश करते नजर आए।
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हनुमानगढ़ से आए कृषक सतपाल सिंह की मिलावटी दूध की शिकायत को स्वास्थ्य
मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए आगामी दिनों में पूरे प्रदेश में मिलावटी
दूध के खिलाफ अभियान चलाने का आश्वासन दिया। बाड़मेर के बाप क्षेत्र से आए
किसान जगदीश ने जब क्षेत्र में पशु चिकित्सकों की कमी गिनाई तो स्वास्थ्य
मंत्री ने बताया कि हाल ही 275 पशु चिकित्सकों को नियुक्ति दी जा रही है।
जॉइन करने के बाद चिकित्सकों की कमी नहीं रहेगी। उन्होंने एक सवाल के जवाब
में बताया कि जल्दी मूंगफली के समर्थन मूल्य के मुख्यमंत्री दिल्ली भी बात
करेंगी। उन्होंने कहा कि किसान की हर समस्याओं पर हमारी नजर है। किसान
हमारा अन्नदाता है, उसी किसी भी कीमत पर परेशान नहीं होने दिया जाएगा।
इस
दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि राज्य के राज्य पशु के संरक्षण के लिए पिछले
दिनों एक योजना शुरू की है, जिसके अंतर्गत हर ऊंटनी के प्रसव पर काश्तकार
को 10 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जाती है। इसी तरह पशुपालकों को 10
गाय-भैंसों के लिए नाबार्ड द्वारा 33 प्रतिशत अनुदान मिलता है। साथ ही पशु
बीमा, पशु नस्ल उनके खानपान जैसे अनेक विषयों पर विशेषज्ञों ने किसानों को
जागरुक किया। संवाद के दौरान जाजम पर बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर,
चूरू, उदयपुर, चितौड़, दौसा, अलवर, भरतपुर क्षेत्र से आए कई किसानों ने
अपनी समस्याएं बताई।
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