अव्वल नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने की होगी कोशिश

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 09 नवम्बर 2016, 9:41 PM (IST)

जीन्द। सघन पशुधन विकास परियोजना के तहत अव्वल नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने की दिशा में 232 पशु चिकित्सा संस्थाएं कार्यरत है। साथ ही जिला मुख्यालय पर एक डिजीटल लैब भी स्थापित की गई है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डाॅ. रविन्द्र सिंह ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में 35 हजार 9 सौ 90 गायों और 2 लाख 1 हजार 9 सौ 90 भैंसों को कृत्रिम गर्भाधान विधि से गर्भित करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही अब तक 19 हजार 2 सौ 94 गायों और 92 हजार 2 सौ 75 भैंसों को कृत्रिम गर्भाधान विधि से गर्भित किया गया है। उन्होंने कहा कि पशु पालन के व्यवसाय को आय उपार्जन का अच्छा जरिया बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष में 117 मिनी डेयरी स्थापित करवाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके तहत अब तक 46 मिनी डेयरी स्थापित करवा दी गई है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि 5 और 10 भैंसों वाली 100 मिनी डेयरी स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके विपरित 41 लाभार्थियों को इसका लाभ दिया जा चुका है। सामान्य वर्ग के 3 परिवारों को भी इसका लाभ दिया जाएगा। पांच गायों वाली मिनी डेयरी के साथ-साथ सामान्य वर्ग के लिए तीन गायों वाली 12 डेयरी स्थापित की जाएगी। इस योजना के तहत तीन लाभार्थी को इसका लाभ दिया जा चुका है। उन्होंने अनुसूचित जाति के 120 परिवारों को तीन भैंसों वाली डेयरी चलाने के लिए ऋण उपलब्ध करवाने की बात भी कही।

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