बेंगलुरू। भारत को एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने की कोशिश करने के बाद अमेरिकी विमानन कंपनी लॉकहीड मार्टिन की टीम संभावित औद्योगिक साझेदारों से मिलने बेंगलुरू पहुंची। अधिकारियों ने यह जानकारी बुधवार को दी। लॉकहीड मार्टिन की मेक इन इंडिया एफ-16 (ब्लॉक 70) की कार्यकारी टीम संभावित साझेदारियों पर चर्चा के लिए इस सप्ताह स्थानीय एयरोस्पेस आपूर्तिकर्ताओं और प्रथम श्रेणी के औद्योगिक समूहों के साथ एक बैठक करने वाली है।
कंपनी के व्यापार विकास प्रमुख रेंडाल होवार्ड ने कहा, हम एफ-16 ब्लॉक 70 के उत्पादन के लिए विशिष्ठ मेक इन इंडिया के अवसर की पेशकश कर रहे हैं। भारत के लिए और दुनिया भर में निर्यात के लिए भारत को सबसे उन्नत एफ-16 विमान की पेशकस की गई है। एफ-16 विमान दुनिया में युद्ध में सर्वाधिक परखा हुआ बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान है और वर्तमान में दुनिया के 25 देशों की वायुसेनाएं इसका इस्तेमाल कर रही हैं।
गत अक्टूबर माह में भारतीय वायुसेना ने पुराने रूसी मिग-21 विमानों को बदलने के लिए दुनिया भर की विमान निर्माता कंपनियों को उनके एकल इंजन लड़ाकू जेट विमान के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए एक पत्र भेजा था। जवाब में लॉकहीड ने अपने हाल के एफ-16 ब्लॉक 70 की पेशकश की है।
यह भी पढ़े :खबर मिली कब्रिस्तान में पडी हैं नोटों की गड्डियां लेकिन..
यह भी पढ़े :सर्राफा बाजार में सनसनी, कारोबार हुआ ठप
इस साल के शुरू में कंपनी ने अपनी इकलौती एफ-16 विमान उत्पादन सुविधा फोर्ट
वर्थ, टेक्सास से भारत में स्थानान्तरित करने की पेशकश की थी। भारत में
एफ-16 की उत्पादन सुविधा स्थापित करने के सवाल पर होवार्ड ने कहा, यह भारत
में पुर्जे जोडऩे से परे बेजोड़ अवसर है, लेकिन इसमें पूरे एयर फ्रेम का
विनिर्माण शामिल है। यह भारत की स्वदेशी जरूरतों से परे का भी अवसर है।
उन्होंने
आगे कहा, यह भारत को भविष्य में दुनिया भर के एफ-16 विमानों के उत्पादन का
स्थल बनाएगा और भारतीय उद्योग को दुनिया के सबसे विस्तृत लड़ाकू विमान
आपूर्ति आधार केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। यह आपूर्ति आधार करीब 3200
एफ-16 लड़ाकू विमान के वैश्विक बेड़े का समर्थन और रखरखाव करता है।
बेंगलुरू में लॉकहीड पहले ही करीब 30 एयरोस्पेस आपूर्तिकर्ताओं से बातचीत
कर चुकी है, लेकिन औद्योगिक समझौते होने तक साझेदार का नाम बताने से इनकार
किया।
यह भी पढ़े :मरने से पहले बेटी ने सुनाया ससुराल में खुद को जिंदा जलाने का सच...
यह भी पढ़े :खबर मिली कब्रिस्तान में पडी हैं नोटों की गड्डियां लेकिन..