शिमला। स्वच्छ भारत अभियान के तहत देश भर में मिसाल बने
हिमाचल ने इस दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि यदि
कोई संयुक्त परिवार से अलग होकर पंचायत के परिवार रजिस्टर ने अलग नाम दर्ज कराना
चाहता है तो उसे पहले शौचालय बनाना होगा। शौचालय प्रमाणपत्र के बिना उसकी परिवार
रजिस्टर में एंट्री नहीं हो पाएगी।
शौचालय प्रमाणपत्र वाले परिवारों का ही अलग से राशन कार्ड
भी बन पाएगा और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के
निदेशक आर. सेलवम ने मीडिया को बताया कि इस बारे में सभी उपायुक्तों को गाइडलाइन
जारी कर दी है। इसका सख्ती से पालन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभी हो यह रहा था कि परिवार को अलग करने के लिए सबसे पहले
ग्राम सभा में आवेदन आता है।
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इसके बाद प्रधान और वार्ड सदस्य रिपोर्ट तैयार करते
हैं। इसमें देखा जाता है कि आवेदनकर्ता का खान पान, रहन सहन, नफा नुक्सान संयुक्त
परिवार से अलग है। इसके बाद ही उसकी परिवार रजिस्टर में अलग एंट्री होती है। नई
व्यवस्था में अब इसमें शौचालय की शर्त को भी जोड़ा गया है।
प्रदेश में कुल 3236 पंचायतें हैं। वर्तमान में सभी पंचायतें खुला शौचमुक्त
हैं। गत 28 अक्तूबर को ही हिमाचल
बड़े प्रदेशों में खुला शौचमुक्त राज्य घोषित हुआ है।
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