हजरत दीवाना शाह के उर्स में उमड़ा जन सैलाब

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 08 नवम्बर 2016, 9:15 PM (IST)

चित्तौडग़ढ़। दूर से जगमग - जगमग करता बुलन्द दरवाजा, हाइवे से स्टेशन तक जायरीन का हुजूम, हर तरफ ईत्र-गुलाब की खुश्बू, हाथ मे चादर का कोना, चादर चुमता दीवाना, लब खामोश, हाथ दुआ के लिए उठे हुवें, निगाहे निची, आंखों मे आंसू, चेहरे पर एक अलग ही तरह की चमक, कुछ ही पल मे अपनी बात करने की ललक, उल्टे पांव आस्ताना ऐ आलिया से आता हुआ परवाना, ये सोचकर की मैं नहीं देख सकता मगर मुझे यह देख रहे है। और यह अर्ज कर रहा है। तेरी एक नजऱ की बात है दीवाना, और मेरी जिन्दगी का सवाल है। औलिया मस्जिद में नमाजियों की कतारे, आयशा मस्जिद में हाथ उठाये हुवें ख्वातीन, लंगरखाने और आस्ताना ऐ आलिया के बाहर खड़ा अपनी बारी का इंतजार करता मस्ताना, धूणा मे तरीक बंद फुकरा हजऱात का हुजूम। शाही महफिल खाने मे कव्वाली सुनते आषिक, अपनी बारी का इंतजार करते कव्वाल हजऱात, बच्चो के हाथो मे खिलोने, मेला ग्राउण्ड मे खरीददारो का रेला, होजे उलफत पर वजू करता नमाजी, मेहबुब पार्क से निहारता सफेद गुम्बद, हर शख्स का सर ढक़ा हुवा। जंहा किसी जाति धर्म, रंग का कोई भेद नहीं है। यह मंजर प्रख्यात सूफी संत हजऱत दीवाना शाह सा.र.अ. के 73 वें उर्स मे मंगलवार का जहां राजस्थान, मध्यप्रदेष, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल से जायरीन भारी तादाद मे आ रहे है।
दरगाह वक्फ कमेटी कपासन के सैक्रेट्री मोहम्मद यासीन खां अशरफी के अनुसार बुधवार को प्रात: बाद नमाज फजर के देग का खाना तकसीम होगा। 8.30 बजे शाही महफिल खाने मे कुल की रस्म की शुरूआत महफिले मिलाद से होगी। जोहर की अज़ान से पहले कुल की फातिहा होगी।



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