राजकोट। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) शुरू में अंपायर डिसीजन रेफरल सिस्टम (यूडीआरएस) के पक्ष में नहीं था। बोर्ड इसमें सुधार चाहता था। आठ साल पहले श्रीलंका में डीआरएस के साथ खराब अनुभव के बाद से ही भारत लगातार इसका विरोध करता आ रहा था। हाल में इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं जिसके बाद ही बीसीसीआई ने इसे हरी झंडी दी है। हालांकि अब भी ये इंग्लैंड सीरीज में ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।
भारतीय टीम के उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि इस सीरीज में डीआरएस के इस्तेमाल करने को लेकर टीम के पास एक अलग तरह की रणनीति है लेकिन इससे पहले टीम अच्छा और आक्रामक क्रिकेट खेलने पर ध्यान देगी। रहाणे ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह पूरी तरह से एक नया कॉन्सेप्ट है। हमें डीआरएस को इंतजार करके देखना होगा।
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हम न्यूजीलैंड सीरीज से ही डीआरएस के बारे में विचार कर रहे हैं। इसके लिए
हमने कुछ रणनीति तैयार की हैं। हम डीआरएस पर अपने खिलाडिय़ों को और जानकारी
देना चाहेंगे कि कैसे ये काम करता है और कैसे हमें इसके साथ खेलना होगा।
लेेकिन हमारा मुख्य लक्ष्य अच्छा और आक्रामक क्रिकेट खेलना है, डीआरएस तो
बाद की बात है। डीआरएस को लेकर विकेटकीपर व स्लिप में खड़े खिलाड़ी को
महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है क्योंकि उन्हें कप्तान और गेंदबाज को
इसके बारे में संदेश देना होता है।
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28 वर्षीय रहाणे ने कहा एक बल्लेबाज
के रूप में आपको पूरी तरह से खेल में शामिल रहना पड़ता है। आपको यह देखना
होता है कि गेंद कहां जा रही है। आपको ही फैसला लेना होता है कि आप रिव्यू
के लिए जाएंगे या नहीं। भारत 29 साल बाद अपनी सरजमीं पर पांच टेस्ट मैचों
की सीरीज खेलेगा। उन्होंने कहा कि टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ ही 2014 में
पांच मैचों की सीरीज से तरोताजा बने रहने और जज्बा बनाए रखने का महत्व सीखा
था।
कपिल ने बताई ईशांत शर्मा में यह कमी
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नई दिल्ली। पूर्व भारतीय
कप्तान हरफनमौला खिलाड़ी कपिल देव का मानना है कि इतनी प्रतिभा के बावजूद
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा में लगातार विकेट लेने वाली गेंदें
डालने की क्षमता में कमी है। ईशांत चिकनगुनिया के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ
सीरीज में नहीं खेल पाए थे। वे इंग्लैंड के खिलाफ खेलेंगे। ईशांत 72 टेस्ट
में 66.6 के स्ट्राइक रेट से 209 विकेट ले चुके हैं।
कपिल ने कहा कि मुझे
लगता है कि ईशांत बहुत अच्छे गेंदबाज हैं। वे वास्तविक तेज गेंदबाज है और
उनकी लंबाई भी अच्छी है। लेकिन उन्हें विकेट लेने वाली गेंदों को तैयार
करना होगा, जो अहम समय में सफलता दिलाएं। उनमें प्रतिभा और क्षमता की कोई
कमी नहीं है लेकिन कहीं न कहीं विकेट चटकाने की प्रतिभा की कमी है।
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भारतीय
पिचों पर 83 टेस्ट में 300 विकेट चटकाने वाले कपिल से जब पूछा गया कि
बल्लेबाजों के मुफीद पिच पर साझेदारियां तोडऩे के लिए ईशांत को क्या करना
चाहिए, तो उन्होंने कहा कि गेंदबाज को बेहतर गेंद फेंकनी चाहिए, लगातार
बेहतर लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी करनी चाहिए। यह ऐसा नहीं कि आप एक ओवर
में दो बहुत अच्छी गेंद फेंक दो, बल्कि आपको पांच अच्छी गेंदें फेंकनी
होगी। इसके बाद ही आप और विकेट हासिल कर सकते हो।
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