कांग्रेस अध्यक्ष बनने को तैयार राहुल पर नेताओं से पूछे उनके प्रति कोई रिजर्वेशन

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 08 नवम्बर 2016, 11:43 AM (IST)

नई दिल्ली। यह तो तकरीबन साफ है कि सोनिया गांधी के बाद राहुल ही कांग्रेस अध्यक्ष बनना है, लेकिन वह इस पद पर कब आसीन होंगे इसके लिए तारीख-दर-तारीख टलती जा रही है। हालांकि 2014 में बड़ी हार के बाद ही यह तय हो गया था कि राहुल गांधी पार्टी की कमान जल्द संभालेंगे। सूत्रों ने तो कई तारीखें तक बता दीं थीं। राहुल पार्टी के बड़े फैसले भी करने लगे, लेकिन अध्यक्ष का ठप्पा लगने का इंतजार बढ़ता गया। लेकिन अब यह औपचारिकता भर रह गई है। नियुक्ति का अधिकार रखने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्लूसी) ने सोमवार को उनसे सर्वसम्मति से अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने की अपील की गई। कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और एके एंटनी ने राहुल की मौजूदगी में कहा कि समय आ गया है अब राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बन जाना चाहिए। उसके बाद सभी नेताओं ने इसका समर्थन कर दिया। सर्वसम्मति से कार्यसमिति ने इसके लिए सिफारिश कर दी।

बैठक के बाद यह जानकरी देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि सीडब्लूसी ने पहली बार सर्वसम्मति से राहुल से अध्यक्ष पद संभालने की अपील की है। अभी तक निजी तौर पर पार्टी नेता राहुल को अध्यक्ष बनने की मांग करते रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, जब राहुल से अध्यक्ष बनने को कहा गया तो राहुल ने कहा कि मैं तैयार हूं, लेकिन किसी के मन में कोई ‘रिजर्वेशन’ हो तो वह मुझे बता दिया जाए। मैं वरिष्ठ और युवाओं के सामंजस्य के साथ चलना चाहता हूं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तबितय खराब होने की वजह से इस बैठक में मौजूद नहीं थी इसलिए उनकी जगह बैठक की अध्यक्ष पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने की।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, चार घंटे तक चली बैठक में एंटनी ने राहुल से केंद्र की जनविरोधी नीतियों और सांप्रदायिक के खिलाफ जनसंपर्क अभियान चलाने के लिए अध्यक्ष पद संभालने की अपील की। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। एंटनी ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता जल्द कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उन्हें सीडब्लूसी की भावनाओं के बारे में बताएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि सोनिया गांधी उन्हें इस मुद्दे पर निराश नहीं करेंगी। सोनिया गांधी वर्ष 1998 से ही पार्टी अध्यक्ष हैं। उन्होंने सीताराम केसरी से पदभार ग्रहण किया था। 46 वर्षीय राहुल गांधी जवनरी 2013 से जयपुर में कांग्रेस सत्र के दौरान पार्टी उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे।

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पार्टी ने मांगा वक्त
इस मुद्दे पर पार्टी के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खुद राहुल गांधी भी हर चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर राहुल कब कमान संभालेंगे, इस पर सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक या फिर अधिवेशन बुलाकर राहुल को अध्यक्ष बनाया जाएगा, जिसकी एक प्रक्रिया है। यह कल भी हो सकता है, दिसंबर में भी हो सकता है और अगले साल भी। यानी एक बार फिर तारीख सामने नहीं आ पाई। साथ ही कार्यसमिति ने प्रस्ताव पास कर चुनाव आयोग को भी भेज दिया कि पार्टी के संगठन के चुनाव के लिए उसको दोबारा एक साल का एक्सटेंशन चाहिए, यानी दिसंबर 2017 तक का वक्त।
दूसरी तरफ पार्टी एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर कभी भी सीडब्लूसी की बैठक बुलाकर राहुल को अध्यक्ष चुना जा सकता है। 19 नवंबर से पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्म शताब्दी पर एक साल तक चलने वाले कार्यक्रमों की शुरूआत कर रही है। यह कयास है कि इससे पहले राहुल पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी संभाल लेंगे।



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बैठक से गैरहाजिरह रहीं सोनिया
वैसे सूत्रों के मुताबिक, कार्यसमिति की बैठक में बीमारी के चलते सोनिया नहीं आईं। राहुल ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसके बाद सभी ने यह सिफारिश कर दी। तात्पर्य यह कि सोनिया ने पार्टी के भीतर पुराने और नए के बीच की दोफाड़ को खत्म कर सबको राहुल के पीछे खड़े दिखाने की कोशिश की और वह भी अपनी गैरमौजूदगी में। साथ ही सोनिया की कम से कम अपनी तरफ से यह संदेश देने की कोशिश भी रही कि वह राहुल को थोप नहीं रहीं। कुल मिलाकर सब कुछ ऐसा चला मानो कहानी की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी हो। ऐसे में अब गांधी परिवार को राहुल को कमान देने की तारीख तय करनी है। परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, गांधी परिवार के पास कई प्रस्ताव हैं।
- 19 नवंबर को इंदिरा गांधी के जन्मदिन के दिन ऐसा हो।
- यूपी चुनाव के ठीक पहले किया जाए, जिससे चुनाव में फायदा हो।
- राहुल पार्टी में चुनाव के पक्षधर रहे हैं, इसलिए फरवरी में राज्यों के चुनाव के बाद वो संगठन चुनाव के जरिए कमान संभालें। इससे पार्टी ने इन राज्यों में खराब प्रदर्शन किया तो ठीकरा राहुल पर न फूटे।
ऐसे में अब गेंद गांधी परिवार के पाले में है और ज्यादातर नेता इस हक में चुनाव वगैरह तो लगे रहते हैं, जब राहुल को कमान सौंपनी है तो जल्दी सौंप दी जाए।

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