राहुल,सिसोदिया हिरासत में,छूटे

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 02 नवम्बर 2016, 2:40 PM (IST)

नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर मंतर पर वन रैंक-वन पेंशन के मुद्दे पर एक पूर्व सैनिक की खुदकुशी पर सियासत शुरू हो गई है। सैनिक के परिजनों से मिलने के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप विधायक कमांडो सुरेंद्र को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया, जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया गया और पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, सिसोदिया इमर्जेंसी में पूर्व सैनिक के परिजनों से मिल रहे थे, जब पुलिस ने उन्हें वहां से जाने को कहा, तो वह तैयार नहीं हुए, जिसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर जबरन वहां से हटा दिया गया।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी पूर्व सैनिक के परिजनों से मिलने के लिए आरएमएल अस्पताल पहुंचे थे। उन्हें अस्पताल के बाहर गेट पर रोक दिया गया। इस पर उन्होंने कहा, ‘यह कैसा देश है, कमाल की बात है। मैं परिवार से मिलना चाहता हूं, मिलने तो दीजिए।’

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बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्व सैनिक की मौत के लिए मोदी सरकार को कोसा था। उन्होंने पहले ट्वीट और फिर वीडियो मैसेज जारी कर इसके लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। केजरीवाल ने अब मनीष सिसोदिया को हिरासत में लिए जाने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर अपने राज्य में किसी की मौत पर उप मुख्यमंत्री परिवार को सांत्वना देने जाए तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाएगा? गुंडागर्दी की हद है मोदी जी।’दूसरी मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट करके कहा, ‘एक पूर्व सैनिक केंद्र सरकार की हरकतों की वजह से आत्महत्या कर लेता है और उसके परिवार से बात करने पर मुझे हिरासत में ले लिया जाता है।’ उन्होंने आग कहा, ‘सैनिक की बहादुरी पर सीना ठोककर अपनी वाहवाही में लगे प्रधानमंत्री जी! आज एक पूर्व सैनिक ने खुदकुशी कर ली है। इसकी जिम्मेदारी किसकी है?’
हरियाणा के रहने वाले मृतक पूर्व सैनिक का नाम रामकिशन ग्रेवाल था।

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पुलिस के मुताबिक, रामकिशन वन रैंक-वन पेंशन मुद्दे पर सरकार के फैसले से असहमत थे, जिसकी वजह से वह अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे। परिजनों के मुताबिक, मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया। आनन-फानन में रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान रामकिशन की मौत हो गई।
बता दें कि रामकिशन ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। रामकिशन ग्रेवाल ने नोट में लिखा, ‘मैं अपने देश, मातृभूमि और जवानों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर रहा हूं।’ वहीं रामकिशन के छोटे बेटे ने बताया कि उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना उसे फोन पर दी थी।

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