नई दिल्ली। दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर फिर से आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। केजरीवाल ने इस बार सरकार पर जजों को फोन टेप करने का आरोप लगाया है। केजरीवाल ने यह बयान दिल्ली उच्च न्यायालय की स्थापना के पचास साल पूरे होने पर दिया है। केजरीवाल के बयान के बाद सियासी हलकों में आरोप प्रत्यारोप के दौर भी शुरू हो गए हैं। केजरीवाल की बात के विरोध में जहां दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है।
केजरीवाल ने कहा है कि उनके पास ऐसी ख्रबर है कि जजों के फोन टेप किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ जजों ने फोन टेप करने के मामले में गृह मंत्रालय ने खबरों का खंडन किया है। मंत्रालय का कहना है कि इस तरह की खबरों में किसी तरह की कोई सच्चाई नहीं है। ये बातें बिना किसी आधार के कही गई हैं। मजेदार बात यह है कि जिस वक्त केजरीवाल यह कह रहे थे उस मौके पर केंद्र सरकार के कई आला अधिकारी भी मौजूद थे।
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इसके बाद अपनी बात रखने आए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने
केजरीवाल के इस आरोप को पूरी तरह से निराधार बताते हुए सिरे से खारिज किया।
उन्होंने जजों के फोन टेप कराए जाने वाले आरोप का बचाव करते हुए कहा कि
मैं अपने स्तर से इन तमाम आरोप को खारिज करता हूं कि जजों के फोन टेप किए
जा रहे हैं।
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दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि
केजरीवाल एवं उनके सहयोगी अक्सर प्रशासन, राष्ट्रीय सुरक्षा एवं
न्यायपालिका से जुड़े मामलों पर टिप्पणी कर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश
करते हैं। वहीं, दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा
कि मुख्यमंत्री ने यह आरोप सनसनी फैलाने और विवाद पैदा करने के उद्देश्य
से लगाया है।
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