गोहाना। जहां देश में दिवाली का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। वहीं इस दौरान देशभर में जमकर आतिशबाजी का दौर भी चला। हालांकि दिवाली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई संगठनों और नेताओं ने आम जनता से आतिशबाजी नहीं कर गरीबों की मदद करने की अपील की थी। लेकिन फिर भी देशभर में हुई आतिशबाजी के बाद वायु प्रदूषण एकदम से बढ़ गया है। विशेषज्ञों की मानें तो इस दौरान वायु प्रदूषण में चालीस से पचास गुणा का बदलाव देखने को मिला है। आतिशबाजी से हुए प्रदूषण के बाद जहरीली धुंआ वायु में घुल गई और लोगों के साथ पशु पक्षियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जिसका सबसे ज्यादा असर मरीजों और बच्चों के साथ बुढ़े लोंगों पर देखने को मिला है। वहीं दमे के मरीजों के लिए भी ये समय सबसे खतरनाक साबित हो रहा है।
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हालांकि दिवाली से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई संगठनों और नेताओं ने आम जनता से आतिशबाजी नहीं कर गरीबों की मदद करने की अपील की थी। लेकिन फिर भी देशभर में हुई आतिशबाजी के बाद वायु प्रदूषण एकदम से बढ़ गया है। विशेषज्ञों की मानें तो इस दौरान वायु प्रदूषण में चालीस से पचास गुणा का बदलाव देखने को मिला है।
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आतिशबाजी से हुए प्रदूषण के बाद जहरीली धुंआ वायु में घुल गई और लोगों के साथ पशु पक्षियों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जिसका सबसे ज्यादा असर मरीजों और बच्चों के साथ बुढ़े लोंगों पर देखने को मिला है। वहीं दमे के मरीजों के लिए भी ये समय सबसे खतरनाक साबित हो रहा है।
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