कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के दौरे में किया गहलोत को गायब

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016, 6:45 PM (IST)

श्रीगंगानगर। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के दो दिवसीय श्रीगंगानगर दौरे को लेकर तमाम नेताओं की तरफ से उनके स्वागत में लगाए गए होर्डिंग्स एवं बैनर में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पूरी तरह से दरकिनार किया गया।

दौरे के दौरान हुई सभाओं में प्रदेशाध्यक्ष पायलट ने न तो अशोक गहलोत का नाम लिया तो न ही उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई किसी योजना का जिक्र किया। यही नहीं कभी गहलोत सरकार में मंत्री रहे और उनके नजदीकी नेताओं ने भी प्रदेशाध्यक्ष के इस दौरे में उनको जगह नहीं दी तो क्या माना जाए की अब कांग्रेस से गहलोत का दौर समाप्त हो गया है। क्या कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने गहलोत को गायब करने की रणनीति बनाई है। क्या युवा प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को नजर अंदाज करके आगे बढऩा चाहते हैं। प्रदेशाध्यक्ष पायलट के श्रीगंगानगर दौरे में ये बात काफी महत्वपूर्ण नजर आई कि प्रदेशाध्यक्ष ने न कांग्रेश के कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत की याद दिलाई तो न ही किसानों के बीच जाकर उनकी सरकार द्वारा किए कार्यों के बारे में बताया। नेताओं द्वारा स्वागत में जगह-जगह लगाए गए होर्डिंग्स एवं बैनर में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं से लेकर गहलोत से निचले पायदान तक के नेताओ तक की तस्वीर तो नजर आई, मगर इन सबके साथ तस्वीरों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहीं नजर नहीं आए। कभी मारवाड़ के गांधी के नाम से पुकारे जाने वाले इस नेता को कांग्रेस ही पर्दे के पीछे रखना चाहती है, ताकि सचिन पायलट जैसे अगली पीढ़ी के नेताओ को आगे बढऩे में कोई रुकावट ना हो।


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पूर्व मुख्यमंत्री की होर्डिंग्स एवं बैनर में तस्वीर नजर नही आई तो प्रदेशाध्यक्ष से पत्रकारों ने पूछ लिया कि गहलोत को नजर अंदाज किया गया तो क्या माना जाए कि राजस्थान कांग्रेस में अब गहलोत दौर समाप्त हो गया है। इसके जवाब में पायलट ने कुछ इस तरह जवाब दिया कि उसका कोई अर्थ नहीं निकला। इतना जरूर कहा कि उनके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। उधर पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि गहलोत ने सेवा कर ली, अब जनता जिसे चाहेगी वही आगे आएगा। मगर लोगों का कहना है कि कांग्रेस अशोक गहलोत के वजूद को कम करेगी तो मात भी खाएगी। प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस की खोई जमीन हासिल करने के लिए जनता के बीच जाकर अकेले संवाद कर रहे हैं। ऐसे में एक दशक तक सूबे के मुख्यमंत्री रहे गहलोत सरकार से मिले लाभों को जनता को याद करवाने के बजाए गहलोत को नजरअंदाज करके पर्दे के पीछे रखा जा रहा है, ताकि प्रदेशाध्यक्ष पायलट का महत्व पार्टी में कहीं कम न आंका जाए।

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