भारत और रूस नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाएंगे

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अक्टूबर 2016, 09:46 AM (IST)

दिल्ली। भारत और रूस नई जेनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाएंगे। इसकी मारक क्षमता 600 किलोमीटर से अधिक होगी। ऐसे में, इसके दायरे में समूचा पाकिस्तान आ जाएगा। भारत को मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) की सदस्यता मिलने के बाद रूस इस भारतीय ब्रह्मोस मिसाइल का अपडेटेड वर्जन बनाने के लिए तैयार हुआ है। दरअसल, इस साल जून में भारत ने एमटीसीआर की सदस्यता हासिल की थी। एमटीसीआर की गाइडलाइंस में कहा गया है कि सदस्य देश 300 किलोमीटर से अधिक रेंज की मिसाइल ग्रुप से बाहर के देशों को ना ही बेच सकते हैं और ना ही उनके साथ मिलकर इन्हें बना सकते हैं। ब्रह्मोस की रेंज अभी 300 किलोमीटर है, जिससे पाकिस्तान में हर जगह प्रहार करना संभव नहीं है। इस वजह से भारत ने एमटीसीआर के अन्य सदस्य देश रूस के साथ नई जेनरेशन की इस मिसाइल को बनाने का करार किया है। बहरहाल, भारत के पास अधिक रेंज की बलिस्टिक मिसाइल हैं, लेकिन ब्रह्मोस की खूबी यह है कि उससे खास टारगेट को तबाह किया जा सकता है। यह पाकिस्तान के साथ किसी टकराव की सूरत में गेम चेंजर साबित हो सकती है।

बलिस्टिक मिसाइल को आधी दूरी ही गाइड किया जाता है। इसके बाद की दूरी वे ग्रैविटी की मदद से तय करती हैं। वहीं क्रूज मिसाइल की पूरी रेंज गाइडेड होती है। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल है। यह बिना पायलट वाले लड़ाकू विमान की तरह होगी। इसे बीच रास्ते में भी कंट्रोल किया जा सकता है। इसे किसी भी ऐंगल से अटैक के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। यह दुश्मन के मिसाइल डिफेंस सिस्टम से बचते हुए उसकी सीमा के अंदर घुसकर ठिकानों को तबाह करने का दमखम रखती है। मिसाल के लिए, ब्रह्मोस से पहाड़ी इलाकों में बने आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया जा सकता है, जहां पारंपरिक जरियों से असरदार हमले नहीं किए जा सकते। गोवा में हुए द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के बीच नई मिसाइल बनाने पर सहमति बनी। समझौते के तहत ऐसी कम रेंज की मिसाइल भी बनाने की बात है, जिसे सबमरीन और हवाई जहाज से लॉन्च किया जा सकता है।

सम्मेलन के वक्त मिसाइल समझौते की जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि फ्रिजेट्स और एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के सौदों का ऐलान किया गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के पत्रकारों को मिसाइल डील साइन किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हम ब्रह्मोस मिसाइल को इंप्रूव करने पर सहमत हुए हैं। इसके अपग्रेडेड वर्जन को जमीन, हवा और समुद्र से लॉन्च किया जा सकेगा। हम इसकी रेंज बढ़ाने पर भी काम करेंगे। हम साथ मिलकर फिफ्थ जेनरेशन एयरक्राफ्ट पर भी काम करेंगे।