नई दिल्ली। भारत अब रूस के साथ मिलकर नई जनरेशन की ब्रह्मोस मिसाइल बनाएगा। यह ब्रह्मोस मिसाइल पाक के खिलाफ युद्ध में गेम चेंजर साबित हो सकती है। इस नई ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज 600 किमी से कुछ अधिक होगी जिसमें पूरा पाकिस्तान आ जाएगा। इस मिसाइल से दुश्मन के ठिकानों को तबाह किया जा सकेगा। गौरतलब है कि भारत इसी वर्ष मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजीम का सदस्य बना था।
रूस भी भारत की एमटीसीआर में सदस्यता से काफी खुश है और अब दोनों देश मिलकर नई ब्रह्मोस बनाने के लिए तैयार है। एमटीसीआर की गाइडलाइंस के अनुसार सदस्य देश 300 किलोमीटर से अधिक रेंज की मिसाइल ग्रुप से बाहर के देशों को ना ही बेच सकते हैं और ना ही उनके साथ मिलकर इन्हें बना सकते हैं। अभी भारत के पास जो ब्रह्मोस है उसकी रेंज 300 किमी है जिसकी रेंज में पूरा पाकिस्तान नहीं आता।
हालांकि भारत के पास नई जनरेशन की ब्रह्मोस से अधिक रेंज की बलिस्टिक मिसाइल है लेकिन इससे किसी खास टारगेट को तबाह नहीं किया जा सकता, जबकि ब्रह्मोस से किसी भी ठिकाने को टारगेट कर उसे तबाह किया जा सकता है। बलिस्टिक मिसाइल को आधी दूरी तक गाइड किया जा सकता है, शेष दूरी वह ग्रैविटी की मदद से पूरी करती है।
वहीं नई जनरेशन की ब्रह्मोस पूरी तरह गाइडेड होती है और इसे छोडने के बाद
बीच रास्ते में भी कंट्रोल किया जा सकता है। इस मिसाइल को किसी भी ऐंगल से
अटैक के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। ब्रह्मोस से पहाडी इलाकों में बने
आतंकवादी कैंपों को निशाना बनाया जा सकता है, जहां पारंपरिक जरियों से
असरदार हमले नहीं किए जा सकते।
गोवा में हुए द्विपक्षीय समझौते में दोनों देशों के बीच नई मिसाइल बनाने पर सहमति बनी। समझौते के तहत ऐसी कम रेंज की मिसाइल भी बनाने की बात है, जिसे सबमरीन और हवाई जहाज से लॉन्च किया जा सकता है।<