मोगा। मोगा में 400 लोगों को अस्पताल में
उपचार के लिए
लाया गया था।
इनके टेस्ट होने
पर 75 मरीजों के
डेंगू से पीड़ित
होने की पुष्टि
हुई है। इनमें
से दो मरीजों
का अस्पताल में
उपचार चल रहा
है। डेंगू व
चिकनगुनिया का उपचार सभी
सेहत केंद्रों में
नि:शुल्क उपलब्ध
है।
जिला
ऐपडिमोलॉजिस्ट
डॉक्टर मनीष अरोड़ा
ने बताया कि डेंगू का
मच्छर ज्यादातर धूप
व छाया में
पड़ी किसी भी
वस्तु में ठहरे
साफ पानी में
पैदा होता है।
वही उक्त मच्छर
कूलर, ड्रम, बर्तन,
बाल्टियों, पौधे रखने वाले
बर्तन, फ्रिज के
नीचे वाली ट्रे,
खाली टीन में,
छत पर पडे़
टायरों, बांस के
खोल में व
पेड़ के खोल
आदि में भरे
पानी में पैदा
होता है। डॉ. रमिंदर
शर्मा ने कहा
कि हमें अपने
घरों के बाहर
और अंदर जहां
पानी खड़ा हो,
उसे तुंरत साफ
करना चाहिए। घरों
में मच्छर मार
दवाई का छिड़काव करने
समेत मच्छरदानी व
मच्छर भगाने वाली
वस्तुएं आदि का इस्तेमाल करना
चाहिए। डेंगू की बीमारी के
लक्षण में तेज
बुखार आना, माथे
में तेज दर्द,
आंखों के पीछे
दर्द होता है।
मन का मचलना
उल्टी आना आदि
डेंगू के लक्षण
हो सकते हैं।
ऐसे लक्षणों का
पता लगने पर
व्यक्ति को तुंरत सेहत
केंद्र या सिविल
अस्पताल में चेकअप करवाना
चाहिए। चिकनगुनिया के
लक्षण भी एक
जैसे होते हैं,
जिसमें शरीर में
दर्द होना, मुंह
पर सूजन, शरीर
पर लाली आना,
तेज बुखार, गला
खराब होना आदि
शामिल हैं।