कॉमेडियन कपिल शर्मा ने मुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के नोटिस को बॉम्बे
हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कपिल को मुंबई के गोरेगांव में अपने अपार्टमेंट
के एक हिस्से को गिराए जाने का नोटिस दिया गया था।कपिल के वकील प्रदीप
थोराट का कहना है कि यह नोटिस गलत इरादे से जारी किया गया है। इसी फ्लैट को
लेकर सिविल कोर्ट में पहले से ही एक केस लंबित है। उन्हें नोटिस 28 अप्रैल
को मिला था। इसके साथ ही नोटिस को रद्द करने की मांग की गई है। साथ ही
कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि जब तक कोर्ट फैसला न कर ले तब तक नोटिस की
कार्रवाई को न करने के आदेश दिए जाए।
कपिल ने याचिका में कहा कि साल 2010
में फरवरी माह में स्लाइड डेवेलपर्स से गोरेगांव में 1000 वर्ग मीटर का
प्लाट की खरीद की गई थी। बीएमसी की ओर से मार्च-अप्रैल 2010 में निर्माण
शुरू करने की अनुमति देने वाला सर्टिफिकेट जारी किया गया। 6 नवंबर 2013 को
फुल ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी किया गया.। लेकिन 14 नवंबर 2014 को
क्चरूष्ट के बिल्डिंग एंड फैक्ट्री डिपार्टमेंट के एक असिस्टेंट इंजीनियर
की ओर से नोटिस जारी किया गया जिसमें इमारत के एक हिस्से को अवैध बताया
गया।