नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू को सौम्या
मर्डर केस में कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होने को कहा है। काटजू को इस
मामले में अपने फेसबुक पोस्ट को लेकर पक्ष रखना होगा। जस्टिस काटजू ने
सौम्या मामले में फेसबुक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए थे। कोर्ट
ने कहा काटजू कोर्ट में आ कर बहस में हिस्सा लें। कोर्ट ने कहा,पहले
जस्टिस काटजू अपने पक्ष को रखें उसके बाद हम सौम्या की मां और केरल की
पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने केरल के चर्चित सौम्या रेप व मर्डर केस में दोषी
गोविन्दाचामी की फांसी की सजा रद्द कर दी थी। कोर्ट ने उसे सिर्फ रेप का
दोषी माना और उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सबूतों के अभाव में गोविन्दचामी को
हत्या का दोषी नहीं माना गया था।
मंजक्कड की रहने वाली 23 साल की सौम्या 1 फरवरी 2011 को रेल में एर्णाकुलम
से शोरनूर जा रही थी तभी उसका रेप कर हत्या कर दी गई थी। दोषी गोविंदाचामी
सौम्या को लेडीज कंपार्टमेंट में ले गया और वहां उसका सिर ट्रेन की दीवार
में मारकर घायल कर दिया। उसके बाद उसने उसे ट्रेन से बाहर धकेल दिया और खुद
भी कूद गया। बाद में उसने खून से लथपथ सौम्या के साथ बुरी तरह रेप किया
था।
काटजू ने कहा था कि मैंने पूरा फैसला पढा जिसमें एक गंभीर खामी है। काटजू ने कहा कि सबूतों के आधार पर देखा जाए तो सौम्या के शरीर में दो तरह की चोटें थीं। एक जो ट्रेन के अंदर उसे चोटिल किया गया और दूसरी चोट जो उसे ट्रेन से बाहर फेंकने पर लगी थी। काटजू ने कहा कि सिर्फ पहले सबूत के आधार पर ही आरोपी हत्या का दोषी है। उन्होंने कहा कि मानव शरीर में सर सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग होता है। किसी के सिर में मारने से ही उसकी मौत हो सकती है। मामले की सुनवाई 11 नवंबर को होगी।