डायन बताया, अब तो गांव जाने भी लगता डर

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 17 अक्टूबर 2016, 7:32 PM (IST)

भीलवाड़ा । डायन प्रताडना का मामले रोकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही मामला जहाजपुर तहसील में पण्डेर थाने के बिहाडा ग्राम का सामने आया। जिसमें पिडिता को डायन बताकर समाज से बहिस्कृत ही नहीं किया गया बल्कि उसे 15 दिनों तक घर में ही कैद कर दिया गया। पिडिता जैसे-तैसे जान बचाकर जिला पुलिस अधिक्षक के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंची। वहीं पण्डेर थाना पुलिस में मामला दर्ज करवाने के बाद भी पुलिस ने अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की है।
पिडिता ने कहा कि दो माह पूर्व बिहाडा ग्राम में गुर्जर समाज की महापंचायत बुलायी गयी थी। जिसमें रघुनाथ,हर लाल,देबी लाल व महावीर गुर्जर ने मुझे डायन बताकर समाज से बहिष्कृत कर दिया। उन्होने मेरे परिवार को घर से भी बाहर निकलने पर पाबन्दी लगा दी। पिडिता ने यह भी कहा कि कुछ दिनों से गांव में पशु बिमार हो रहे थे। जिसके कारण समाज के लोगों ने मुझे पर यह आरोप लगाया कि मेरे डायन होने के कारण पशु बिमार हो रहे थे। इसके कारण महापंचायत बुलाकर मुझे समाज के लोगों ने डायन बताकर समाज से बहिष्कृत कर दिया। मैने इस बारे में पण्डेर थाने में मामला भी दर्ज करवाया लेकिन पुलिस ने भी कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद समाज के पंचों ने मुझे और मेरे पति को घर में कैद कर दिया। आज में अपनी जान बचाकर और समाज के लोगों से बचकर यहां पहुंची हुं। अब हम गांव जान में भी डर लग रहा है।
जिले में डायन प्रथा के मामलों में कोई कार्यवाही नहीं होने व पुलिस की लापरवाही के कारण आये दिन बढ रहे है। ऐसे में समाज के लोगों के भी हौसलें बुलन्द है और वह किसी भी महिला को अपने स्वार्थ के चलते डायन बना देते है। जिससे पिडिता को समाज ही नहीं गांव के अन्य लोगों के कोप का भाजन बनना पडता है। अब सोचने वाली बात यह है कि कब लोगों में जागरूकता आयेगी और कब प्रशासन ऐसे मामलों को गंभीरता से लेगा।