चुरु। जिलेभर में करबला में शहीद हजरत इमाम हुसैन की याद में मुस्लिम धर्मावलंबियों ने मोहर्रम पर्व परंपरागत तरीके से मनाया और मातमी धुन के साथ निकले ताजियों को करबला में सपुर्दे खाक किया गया। जिला मुख्यालय पर जहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मन्त्री राजेन्द्र राठौड ने जुलुस में मातमी धुन पर ढोल बजाकर हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद किया वहीं रतनगढ में वन एव पर्यावरण मन्त्री ने भी मोहर्रम कार्यक्रम में शिरकत की। चूरू के अखाडे में चिकित्सा मन्त्री राजेन्द्र राठौड तथा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मकबूल मण्डेलिया आमने—सामने उतरे और मातमी धुन पर ढोल बजाते नजर आये।
जिलामुख्याय पर हुसैन की याद में निकाले गए सात समाजों के सात ताजिए
जिलामुख्यालय स्थित कर्बला में ठंडे किए गए। अपने मुकाम से जुलूस के रूप
में शुरू हुए ताजिए शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए देर शाम सैराब किए
गए। इमाम हुसैन के रोजा-ए-मुबारक के रूप में निकाले गए ताजियों की जियारत
के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। चिकित्सा मन्त्री राजेन्द्र राठौड सहित
जनप्रतिनिधियों एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मकबूल मण्डेलिया ने ताजियादारों
को साफा पहनाकर सम्मान किया। िइस अवसर पर चिकित्सा मन्त्री ने कहा कि
मोहर्रम का त्यौहार त्याग और तपस्या का पर्व हैं। उन कुर्बानियों को याद
करने के लिए मोर्हरम निकाले जाते हैं। वर्षों पुरानी गंगा—यमुना संस्कृति
रही है, सब मिलजुलकर त्यौहार मनाते हैं।