घर का डॉक्टर नीम

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 11 अक्टूबर 2017, 2:47 PM (IST)

नीम प्राचीन काल से कई आयुर्वेद दवाओं में इस्तेमाल होता आ रहा है। नीम एक ऐसा पेड है जो सबसे ज्यादा कडवा होता है परंतु अपने गुणों के कारण चिकित्सा जगत में इसका अपना एक अहम स्थान है। यह सामान्य रूप में बाल, त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है नीम रक्त साफ करता है। दाद, खाज, सफेद दाग और ब्लडप्रेशर में नीम की पत्ती का रस लेना लाभदायक है। नीम कीडों को मारता है इसलिये इसकी पत्ती कपडों और अनाजों में रखे जाते हैं। नीम की दस पत्तियां रोजाना खायें रक्तदोष नहीं होगा। नीम के पंचांग जड, छाल, टहनियां, फूल पत्ते और निंबोरी उपयोगी हैं। इन्ही कारणों से हमारे पुराणों में नीम को अमृत के समान माना गया है। अमृत क्या है-जो मरते को जिंदा करे। अंधे को आंख दे और निर्बल को बल दे। नीम इंसान को तो बल देता ही है पेड-पौधों को भी बल देता है जैसे... खेतों में नीम के पानी की दवा बनाकर डाला जाता है। नीम आंख-कान-नाक-गले और चेहरे के लिए उपयोगी।


नीम का तेल फैटी एसिड और त्वचा में आसानी से अवशोषित हो जाता है कि विटामिन ई होता है, यह त्वचा की कोशिकाओं को फिर से जीवत लोच बहाल मदद करता है।

यदि पेट में कीडे हों तो नीम की नई कोपलों के रस में शहद मिलाकर चाटें कीडे समाप्त हो जाएंगे। पानी में नीम के तेल की कुछ बूंदें डालकर चाय की तरह पी जाएं। बच्चे को 5 बूंद व बडों को 8 बूंद से ज्यादा नहीं लेना है। नीम के पत्ते जरा सी हींग के साथ पीस लें और चाट जाएं, पेट के कीडे नष्ट हो जाएंगे।

आंखों में मोतियाबिंद और रतौंधी हो जाने पर नीम के तेल को सलाई से आंखों में अंजन की तरह से लगाएं। आंखों में सूजन हो जाने पर नीम के पत्ते को पीस कर अगर दाई आंख में है तो बाएं पैर के अंगूठे पर नीम की पत्ती को पीस कर लेप करें। ऐसा अगर बाई आंख में हो तो दाएं अंगूठे पर लेप करें, आंखों की लाली व सूजन ठीक हो जाएगी। अगर कान में दर्द हो या फोडा-फुंसी हो तो नीम या निंबोली को पीस कर उसका रस कानों मे टपका दें। कान में कीडा गया हो तो नीम की पत्तियों का रस गुनगुना करके इसमें चुटकी भर नमक डालकर टपकाएं, एक बार में ही कीडा मर जाएगा।

अगर बहुत जरूरत हो तो दूसरे दिन भी डालें। अगर कान में दर्द हो तो 20 ग्राम नीम की पत्तियां, 2 तोला नीला थोथा तूतिया डालकर पीस लें व इसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर सुखा लें और फिर काले तिल या साधारण तेल में पका लें। जब टिकिया जल जाए तो इस तेल को छान कर रख लें, अब एक तीली मे रूई लगा कर इस तेल में डुबोकर कान साफ करें, बार बार रूई बदलें। अगर कान से पीप आ रहा है तो नीम के तेल में शहद मिलाकर कान साफ करें पीप आना बंद हो जायेगा।

सर्दी-जुकाम हो गया हो तो नीम की पत्तियां शहद मिलाकर चाटें। खराश ठीक हो जाएगी। ह्रदय रोग में नीम रामबाण का काम करता है। अगर आपको ह्रदय रोग हो, तो नीम की पत्तियों की जगह नीम के तेल का सेवन करें। नीम पीस कर त्वचा पर लगाएं ज्यादा फायदा होगा।