नई दिल्ली। देवेंद्र झाझरिया किसी परिचय के मोहताज नहीं। वह एकमात्र ऐसे एथलीट हैं, जिन्होंने भारत के लिए पैरालम्पिक खेलों में विश्व रिकार्ड के साथ दो बार स्वर्ण पदक जीता है। आज झाझरिया जिस मुकाम पर हैं, वहां दूसरे खिलाडिय़ों को भी देखना चाहते हैं और इसी कारण वह चाहते हैं कि सरकार गावों में जाकर प्रतिभा की तलाश करे। झाझरिया ने आईएएनएस के साथ खास बातचीत में कहा कि देश में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचूर प्रतिभा है, ऐसे में सरकार को व्यापक कार्यक्रम के जरिए इस प्रतिभा को तलाशने और तराशने का काम करना चाहिए। [@ गौतम गंभीर से आगे निकले विराट कोहली, लेकिन टॉप-10 से दूर]
झाझरिया के मुताबिक वह चाहते हैं कि बड़ी संख्या में पैरा एथलीट आगे आएं और देश के लिए मान -सम्मान हासिल करें। झाझरिया ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं हैं, बस उन्हें तलाशने और तराशने की जरूरत है। इसके लिए सरकार के साथ-साथ निजी कम्पनियों को भी खिलाडिय़ों की मदद के लिए आना चाहिए। खासकर के ग्रामीण क्षेत्रों में हमारे पास बहुत प्रतिभा है। और मैं चाहूंगा कि समाज के हर क्षेत्र से ऐसे ही खिलाड़ी आगे आते रहें और पदक जीतकर देश का मान बढ़ाते रहें।
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