रियो डी जेनेरियो। तीन साल पहले डॉक्टरों से कह दिया था कि प्रकाश नांजप्पा का करियर अब समाप्त हो गया है लेकिन धुन के पक्के इस निशानेबाज ने डॉक्टरों को गलत साबित करते हुए रियो तक का सफर पूरा कर लिया है और अब उनका निशाना स्वर्ण पदक पर है। 2013 में नांजप्पा के करियर पर उस समय काले बादल मंडराने लगे थे, जब स्पेन के ग्रेनाडा में चल रहे विश्व कप में वे लकवाग्रस्त हो गए थे। डॉक्टरों ने उन्हें चेहरे के लकवे का पीड़ित बताया था।
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