रियो डी जनेरियो। ब्राजील में जारी 31वें ओलम्पिक खेलों में भारत के पदक जीतने के आसार कम नजर आ रहे हैं। इस प्रतियोगिता में केवल बैडमिंटन खिलाडिय़ों से पदक की उम्मीद नजर आ रही है। हालांकि, इन खेलों में एक बड़ा सवाल यह बना हुआ है कि क्या खिलाडिय़ों के बुरे प्रदर्शन के लिए उन्हें प्रशिक्षित करने वाले कोच जिम्मेदार हैं?
रियो ओलम्पिक में हार का सामना कर बाहर हो चुकी भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमैंस ने कहा कि मुझे इस हार की जिम्मेदारी लेने में कोई हर्ज नहीं है और मुझे अपने पद की भी चिंता नहीं। अंत में केवल एक चीज मायने रखती है और वो है टीम। ओल्टमैंस ने आईएएनएस को बताया कि खिलाडिय़ों को पहल और ऊर्जा को दर्शाने की जरूरत है।
इसके बिना टीम का संतुलन खराब हो जाता है, जैसे रियो में देखा गया। भारतीय पुरुष हॉकी टीम को रियो ओलम्पिक में हॉकी के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में बेल्जियम से 1-3 से हार का सामना कर बाहर होना पड़ा। लंदन ओलम्पिक में भारत ने कुल छह पदक जीते थे, जिसमें दो रजत और एक कांस्य पदक शामिल था। रियो में अभी तक बिना कोई पदक जीते भारत केवल उम्मीद लगाए बैठा है, क्योंकि कई एथलीट खाली हाथ लौट रहे हैं।
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