इलाहाबाद।यमुना एक्सप्रेस-वे भूमि अधिग्रहण मामले में सरकार की मुश्किल बढने वाली हैं ।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेस वे अथारिटी द्वारा अधिग्रहीत भूमि को कानूनी नियम के तहत सही नहीं माना है । न्यायालय ने अधिग्रहण के खिलाफ याचिका मंजूर करते हुये यमुना एक्सप्रेस-वे अथारिटी से कहा है कि यदि वह जमीन रखना चाहती है तो वह मार्केट रेट व 2013 के नये कानून के मुताबिक किसानों को मुआवजे का भुगतान करे।हाईकोर्ट ने कहा कि जिस धारा 17 का इस्तेमाल करते हुये जमीन ली गई है वर्तमान समय में यह अधिग्रहण सही नहीं है । बता दे कि रिहायशी कालोनी बनाने के लिए अर्जेन्सी क्लाज में भूमि अधिग्रहण किया गया था । अथारिटी ने कहा था कि वह रिहायशी कालोनी बनायेगी । लेकिन किसानों को मुआवजे के रूप में नये नियम का पालन नहीं किया गया। किसानों की ओर से हरिकिशन ने इलाके हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुये भूमि अधिग्रहण को सही नहीं माना है और नये कानून के तहत मुआवजा देने को कहा है ।यह आदेश न्यायमूर्ति अरूण टंडन तथा न्यायमूर्ति संगीता चन्द्रा की खण्डपीठ ने दिया है ।[@ अदिति बनीं मिस कोहिनूर-ए-ताज, SEE PIC ]
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