जयपुर/जालोर। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि जालोर जिले में नर्मदा नहर परियोजना का काम मार्च 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। [ श्याम मसाले ने कराई घर घर में मौजूदगी दर्ज] [ ...और टोटके से दूर हो गया जानवरों का रोग!] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
गोयल ने मंगलवार को प्रश्नकाल में विधायक द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि जालौर-भीनमाल में नर्मदा नहर परियोजना से जुड़ा 372.72 करोड़ रुपए के कार्य का कार्यादेश 24 सितंबर, 2013 को दिया गया। इसके तहत 4 अक्टूबर 2013 को कार्य शुरू होकर 3 अक्टूबर 2016 को पूरा करना था। कंपनी ने 30 जनवरी तक 104.13 करोड़ रुपए में 30 प्रतिशत तक काम कर लिया था। उन्होंने कहा काम में धीमी गति के चलते कंपनी पर 13.31 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई गई है। कंपनी ने मार्च 2018 तक कार्य पूरा करने के लिए आश्वस्त किया।
उन्होंने कहा कि जालोर-ईआर प्रोजेक्ट और क्लस्टर योजना का काम मार्च 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। जालोर-भीनमाल प्रोजेक्ट में 450.82 करोड़ रुपए जालोर और 36.15 करोड़ रुपए और कुल 485.57 करोड़ रुपए वित्त पोषित के लिए भेजी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एसपीएमएल इंफ्रा लिमिटेड के 14 प्रोजेक्ट चल रहे हैं, जिनमें से 2 प्रोजेक्ट रिसाइन कर दिए गए हैं और 3363 करोड़ की राशि के शेष 12 प्रोजेक्ट वर्तमान में चल रहे हैं।
उन्होंने आश्वस्त किया कि भविष्य में किसी भी योजना की शुरुआत से पहले भूिम संबंधी, अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने तथा आने वाली सभी समस्याओं के समाधान के बाद परियोजना शुरू करने की व्यवस्था करने का प्रयास किया जाएगा। जलदाय मंत्री ने बताया कि फतेहपुर-नवलगढ़ में पांच पैकेजों पर काम चल रहा है, उन्हें भी मार्च तक पूरा कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि जालोर के ईआर और एफ के तहत 50 गांवों में 95 प्रतिशत तक काम पूरा हो चुका है।
इससे पहले विधायक नारायण सिंह देवल के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि मैसर्स एस.पी.एम.एल. इन्फ्रा लिमिटेड, गुडग़ांव को जिला जालोर सहित प्रदेश में नर्मदा नहर एवं अन्य सतही जल स्रोत आधारित वृहद् पेयजल परियोजनाओं के कार्य आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रगतिरत पेयजल परियोजनाओं के लिए जारी कार्यादेशों का विवरण भी सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि मैसर्स एस.पी.एम.एल. इन्फ्रा लिमिटेड, गुडग़ांव द्वारा जिन कारणों से पेयजल परियोजनाओं का कार्य निर्धारित समय पर पूर्ण नहीं किया गया है, उनमें मुख्यत अनुबंधक फर्म के स्तर पर कार्य को धीमी गति से किया जाना रहा है। उन्होंने विभाग द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार अनुबंधक फर्म के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करते हुए रोकी गई शास्ति राशि एवं की गई अन्य कार्यवाही का विवरण भी सदन में रखा।
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