इलाहाबाद
हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान अपने दिये फैसले में महिला अनुदेशक को
मातृत्व अवकाश मिलने की व्यवस्था कर दी है । हाईकोर्ट ने कहाकि महिला अनुदेशक भी
मातृत्व अवकाश की हकदार हैं और बिना भेदभाव के उन्हे मातृत्व अवकाश मिलना चाहिए ।
ऐसे में अब बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत महिला अनुदेशक को यह लाभ मिले सकेगा ।
हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि संविदा पर पद होने के बावजूद भी महिला अनुदेशक
को मातृत्व अवकाश से वंचित नहीं रखा जा सकता ।
हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश
में महिलाओ के साथ सभी प्रकार के भेद भाव समाप्त करने के लिए युनाइटेड नेशन के सम्मेलन में
पारित प्रस्ताव पर भारत के हस्ताक्षर का भी जिक्र किया । जबकि सुप्रीम कोर्ट की
गाइड लाइन दोहराते कहा कि सभी राज्यो में महिला के विवाह अथवा गर्भावस्था के आधार
पर न बर्खास्त किया जाना चाहिए और न ही उनके अधिकारों से भेद भाव होना चाहिए ।
प्राची
पाण्डेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एस एन शुक्ल ने बीएसए को याची
के प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का आदेश जारी कर दिया है । जिसके आधार पर अब महिला अनुदेशक
मातृत्व अवकाश का लाभ उठा सकेंगी ।
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