जयपुर। धोखाधड़ी के मामले को रिओपन करने और चोरी के एक केस में नाम बाहर निकालने की एवज में कांस्टेबल द्वारा 50 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में नया मोड़ आ गया है। कांस्टेबल शिवकुमार की गिरफ्तारी के बाद शिप्रापथ थाना प्रभारी, डीसीपी व एसीपी कार्यालय में तैनात अधिकारी भी एसीबी की जांच के दायरे में फंसते नजर आ रहे हैं। [@ Breaking News : अब घर बैठे पाए Free JIO sim होम डिलीवरी जानने के लिए यहाँ क्लिक करे]
एसीबी की टीम ने गुरुवार को जयपुर कमिश्नरेट स्थित डीसीपी साउथ कार्यालय में छापा मारा। जहां से परिवादी प्रशांत से रेड वाइन की बोतल लेने वाला कांस्टेबल अजय कुमार गायब था। वह कार्यालय से बिना बताए ही अनुपस्थित था।
अजय कुमार से संबंधित जानकारी व मामले को लेकर एसीबी के अधिकारियों ने डीसीपी मनीष अग्रवाल से भी चर्चा की है। एसीबी ने अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच शुरू कर दी है। आरोपी कांस्टेबल शिवकुमार 2013 में सोढाला थाने में तैनात था। तब उस पर एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। बाद में उसे सस्पैंड कर दिया था।
आरोपी कांस्टेबल बन गया था थाने का इंचार्ज
साउथ जिले के थानों और शिप्रापथ थाने में पुलिसकर्मियों में चर्चा है कि थाना प्रभारी मुकेश चौधरी ने थाने में लगने के बाद पूरी जिम्मेदारी शिवकुमार को ही दे दी थी। शिवकुमार खुद ही इंचार्ज बनकर काम करता था। आरोपी शिवकुमार से थाने में तैनात पुलिसकर्मी भी परेशान थे। शिवकुमार ने परिवादी से एक बोतल खुद के लिए ली थी।
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