-प्रदीप द्विवेदी-
नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर 2023 को मतदान है। यदि कांग्रेस जीती तो अशोक गहलोत का मुख्यमंत्री बनना तय है। लेकिन, अशोक गहलोत के उत्तराधिकारी के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें-महेंद्रजीत सिंह मालवीय और सचिन पायलट प्रमुख हैं। वैसे तो कई और नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन अपनी खास राजनीतिक हैसियत और सक्रियता के कारण इन दोनों के नाम सबसे आगे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यही नहीं, यह भी कहा जा रहा है कि इस बार अशोक गहलोत सरकार बनी तो इन दोनों को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। एक उत्तर से, दूसरा दक्षिण से। खासकर इसलिए कि इन कुछ वर्षों में महेंद्रजीत सिंह मालवीया सबसे बड़े आदिवासी नेता के रूप में उभरे हैं।
याद रहे, वागड़ के दिग्गज आदिवासी नेता रहे दिवंगत भीखाभाई के समय से आदिवासी मुख्यमंत्री की मांग उठती रही है, अब महेंद्रजीत सिंह मालवीया ऐसे नेता बनकर उभरे हैं, जिन्हें ज्यादातर पदों पर कार्य करने का अनुभव है।
उल्लेखनीय है कि कभी दक्षिण राजस्थान कांग्रेस का सबसे बड़ा गढ़ था, यहां के सियासी दम पर ही मोहनलाल सुखाड़िया, हरिदेव जोशी आदि नेता लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे। लेकिन, बाद में इस क्षेत्र में बीजेपी का विस्तार होता गया। हालांकि महेंद्रजीत सिंह मालवीया ऐसे नेता हैं, जो बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र से तब भी जीत गए थे, जब मोदी लहर का जोर था।
महेंद्रजीत सिंह मालवीया प्रदेश में पकड़ रखने वाले प्रमुख आदिवासी नेता हैं, जो अपने क्षेत्र से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं।
दक्षिण राजस्थान की करीब तीन दर्जन सीटों को साधने के लिए मजबूत आदिवासी नेता की जरूरत है और यही वजह है कि महेंद्रजीत सिंह मालवीया का नाम उभर रहा है। कांग्रेस अपने दक्षिण राजस्थान के गढ़ को फिर से मजबूत करने के लिए क्या महेंद्रजीत सिंह मालवीया को अवसर दे सकती है।
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