बाड़़मेर। सीमा पर हमेशा अलर्ट रहने वाले जवानों में बढ़ रहे तनाव और आत्महत्या की घटनाओं से सीमा सुरक्षा बल और सेना काफी चिंतित है। सीमा सुरक्षा बल ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए मनोचिकित्सक और परामर्शदाताओं की हर जवान तक पहुंच नहीं हो पाने की समस्या का समाधान निकाल लिया है। अब जवान मानसिक अवसाद की स्थिति में इन नंबरों पर बात कर सहायता ले सकेगा।
रेतीले बाड़मेर में 270 किलोमीटर लंबी पाकिस्तान से सटी सीमा रेखा पर जवानों की सहूलियत के लिए सीमा सुरक्षा बल के आलाकमान ने हर बीओपी (बॉर्डर आउट पोस्ट) पर दीवारों पर मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता और बेंगलुरू मनोचिकित्सक और परामर्शदाताओं के टोल फ्री नंबर अंकित करवा दिए हैं। ऐसा करके सीमा सुरक्षा बल ने जवानों की समस्याओं के प्रति अपनेपन की भावना को दर्शाया है। इन नंबरों पर जवान की बात विस्तार से सुनने के लिए 24 घंटे और सातों दिन मनोचिकित्सक और परामर्शदाता तैयार रहते हैं। ये जवानों की बातें सुनकर उन्हें उचित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
अब अपनी समस्या बताने में हुई
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