अभिषेक मिश्रा, लखनऊ। ये शायद उत्तर प्रदेश
का पहला चुनाव होगा जिसमें कई दिग्गज प्रचार से बाहर हैं। भले ही बात सपा के
संरक्षक मुलायम सिंह की हो या फिर सोनिया गांधी या फिर भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल
कृष्ण आडवानी की। सभी इस अहम चुनाव में पार्टी के प्रचार से बाहर हैं। [@ इलाहाबाद में बसपा ने उतारे लखपति, करोड़पति: पढिये खास रिपोर्ट]
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिला
जहां पार्टियों के दिग्गज एवं वरिष्ठ नेताओं की जगह पहले दो चरण में प्रचार की कमान
युवा पीढ़ी के हाथों में दिखी। राज्य में समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव
और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अभी तक प्रचार अभियान से नदारद रहे हैं। उत्तर प्रदेश
विधानसभा चुनाव का पहला चरण समाप्त होने और दूसरे चरण का प्रचार थमने तक कोई वरिष्ठ
नेता प्रचार करता नजर नहीं आया। मुलायम सिंह यादव ने जहां खुद को पहले दो चरणों में
प्रचार से अलग रखा, वहीं
सोनिया गांधी खराब सेहत के चलते प्रचार का हिस्सा नहीं बन पाईं।
विवाद के बाद सपा नेता शिवपाल यादव ने भी पार्टी के लिए प्रचार न
करने की ठानी और खुद को अपने विधानसभा क्षेत्र जसवंत नगर तक ही सीमित रखा। कभी सपा
के स्टार प्रचारक रहे अमर सिंह और जयाप्रदा भी इस बार चुनाव अभियान से गायब रहे। हालांकि एक तरह से वह पार्टी से ही बाहर हैं। लेकिन अखिलेश
के गुरू कहे जाने वाले रामगोपाल यादव भी इस चुनावी अभियान से दूर हैं। ये किसी को
हजम नहीं हो रही है। अखिलेश
ने एक जनवरी को सपा के अधिवेशन में अमर सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था और
यह राजनीतिक परिदृश्य से उनके एवं जया के दूर रहने का कारण भी हो सकता है। सपा के एक
अन्य वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य बेनी प्रसाद वर्मा भी प्रचार से नदारद हैं। उनके
बेटे राकेश वर्मा को बाराबंकी की राम नगर सीट से टिकट देने से इनकार कर दिया गया था।
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