एक वक्त ऐसा आया जब एक लड़ाके ने अपने शरीर को मोड़ा और उसका बूट अताला के कंधे को छू गया। अताला ने कहा, ‘उस वक्त मुझे ऐसा लगा जैसे अब सब कुछ खत्म हो गया।’ आतंकियों के साथ कमरे में इतने खौफनाक घंटे बिताने वालीं सारी लड़कियां ईसाई हैं और इनकी उम्र 20 से 23 साल के बीच है। ये दो साल पहले मोसुल और काराकोश शहरों से भागकर किरकुक तब आई थीं जब आईएसआईएस ने इन शहरों पर कब्जा जमा लिया था। ये किरकुक की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थीं। जब लड़ाकों ने किरकुक पर हमला किया तब 500 से ज्यादा स्टूडेंट्स विभिन्न घरों में रह रहे थे। इन्हें काल्डियन कैथलिक चर्च ने शरण दी थी। ये स्टूडेंट्स विभिन्न धर्मों के थे, मसलन, ईसाई, मुसलमान, यजीदी आदि। जब किरकुक की लड़ाई शुरू हुई तब सुरक्षाबलों ने लोगों को घरों में बंद रहने की हिदायत दी थी।
यह भी पढ़े :इलाहाबाद में हो आना तो इस प्रतिबंध पर ध्यान दें.......!
यह भी पढ़े :सबसे गहरा बोरिंग करने वाली मशीन पंजाब में लाॅन्च
मुख्तार अंसारी की मौत : पूर्वांचल के चार जिलों में अलर्ट, बांदा में भी बढ़ी सुरक्षा, जेल में अचानक बिगड़ी थी तबीयत
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक कश्मीर में नजरबंद
शराब घोटाला मामला: एक अप्रैल तक ईडी की हिरासत में केजरीवाल
Daily Horoscope