उमाकांत त्रिपाठी [@ साल 2016 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च हुए टाॅप 10 टाॅपिक्स]
सपा के संविधान के सेक्शन 14 के सब-क्लॉज 2 के अनुसार पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन केवल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बुला सकते हैं। पार्टी अध्यक्ष ये अधिवेशन राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रस्ताव पर या 40 प्रतिशत राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की मांग पर बुला सकते हैं। सेक्शन 14 के सब-क्लॉज 4 के अनुसार राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए गए फैसले पर चुने हुए या नामित प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति जताए जाने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला आखिरी होगा। सपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सपा के संविधान के सेक्शन 15 के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष राष्ट्रीय और विशेष अधिवेशनों की अध्यक्षता करेंगे। इसी सेक्शन के एक सब-क्लॉज के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुशासनहीनता के आरोप में किसी पर कार्रवाई कर सकते हैं। इस फैसले को भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
सूत्रों के अनुसार इन नियमों के तहत ही मुलायम का धड़ा चुनाव आयोग में ये साबित करने की कोशिश करेगा कि रविवार (एक जनवरी) को बुलाया गया सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन नियम विरुद्ध था।
मोदी, शी की मुलाकात से पहले चीन ने की सीमा पर शांति कायम रखने की बात
राहुल के प्लेन में खराबी, कांग्रेस ने जताई साजिश की आशंका, मोदी ने किया फोन
कम नहीं हो रही लालू परिवार की मुश्किलें, तेजस्वी की करोड़ों की संपत्ति जब्त
Daily Horoscope