मालदा ही क्यों
नोटबंदी से पहले मालदा उन मुख्य जगहों में से एक था जहां से देश में बंग्लादेश के जरिये नकली नोटों की तस्करी की जाती थी। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश में पहुंचने वाले 80 फीसदी नकली नोट पश्ेिचम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिले से आता है, और इन तीन जिलों में सबसे ज्यादा नकली नोट मालदा के रास्ते आते हैं।
मालदा एक ऐसी जगह से जहां से दिल्लीी सहित देश के विभिन्न हिस्सों के लिए रेल और सडक़ रूट्स हैं। इसके अलावा मालदा में गंगा पार करके नकली नोटों के तस्कर आसानी से झारखंड भी पहुंच जाते हैं।
1 लाख के नकली नोट के लिए करीब 70000 रुपये
नोटबंदी से पहले 1 लाख रुपये के नकली नोट के लिए तस्करों को 40 हजार रुपये खर्च करने पड़ते थे। नोटबंदी के बाद उन्हें 60 से 70 हजार रुपये देने पड़ रहे है।
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