चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर)। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकारी कर्मचारियों व जनप्रनिधियों पर सबसे अधिक शौचालय निर्माण की जिम्मेदारी है, लेकिन ये सभी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। साथ ही सरकार को झूठे शपथ पत्र देकर गुमराह भी कर रहे हैं। [# इस पुल पर पैदल जाओगे तो पकड लेगी पुलिस!] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
पंचायत क्षेत्र के कई सरकारी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के घर पर शौचालय नहीं मिलने पर बुधवार को विकास अधिकारी ने नोटिस जारी किए। इन जनप्रतिनिधियों ने चुनाव जीतने के बाद शौचालय के संबध में गलत शपथ पत्र दिए थे। जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सरकार करोड़ो की राशि खर्च कर रही है। इसके बाद भी अधिकतर पंचायतें अभी भी खुले में शौच मुक्त नहीं हो पा रही हैं। लक्ष्य के अनुसार सफलता नहीं मिलने से गहराई में जाकर जांच की गई तो पता चला कि सरकारी कर्मचारी व जनप्रनिधि सरकार को गुमराह कर हैं।
विकास अधिकारी बृजलाल मीना ने बताया कि उन्हें नोडल प्रभारी व सचिव से जो रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार कई जनप्रतिनिधियों ने अपने घरों में शौचालय नहीं बनवाए हैं। चुनाव लडऩे तथा जीतने के बाद सरकार ने सभी से शपथ पत्र लिया था, जिसमें कई जनप्रतिनिधियों ने गलत रिपोर्ट दी है। इस पर उन्हे तीन दिन में शौचालय नहीं बनाने पर आगे की कार्रवाई का नोटिस दिया गया है। विकास अधिकारी ने बताया कि जिन जनप्रतिनिधियों को नोटिस दिए गए हैं उनमें मुई जनप्रतिनिधि लखपत मीना, पिंकी पत्नी मनराज, ममता पत्नी मुरली मीना, पार्वती पत्नी कन्हैयालाल जाट, रामपति पत्नी गिर्राज प्रजापत, हनुमान पुत्र गंगाधर बैरवा आदि हैं। इन सभी को नोटिस जारी कर आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट जिला परिषद को भिजवाई गई है।
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