कादीपुर / सुल्तानपुर। आचार संहिता लगने के बाद जो विधायक अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में कुछ न कर सके, वे चुनाव आते ही जनता को गुमराह करने के लिए जगह जगह अपने नाम का शिलापट्ट लगवा रहे हैं। [@ 25 वर्ष पूर्व हुए अन्याय की लडाई लड़ रहे चमेरा-3 के विस्थापित]
उपजिलाधिकारी मोती लाल सिंह ने पाण्डेय बाबा बाजार के पास अरुण वर्मा के नाम व पद का शिलापट्ट लगाते हुए मजदूरों को पकड़ा । उपजिलाधिकारी ने अरुण वर्मा के विरुद्ध कोतवाली कादीपुर में आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज कराया। वहीं मुडिला बाजार के पास स्थानीय विधायक राम चन्द्र चौधरी के नाम का शिलापट्ट लगाते हुए उड़न दस्ते ने कुछ लोगों को पकड़ लिया। लेकिन उड़न दस्ते ने विधायक राम चन्द्र चौधरी के खिलाफ मुकदमा न लिखाकर शिलापट्ट लगा रहे 4 मजदूरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।
इस बारे में जब उपजिलाधिकारी मोतीलाल सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा की शिलापट जो लगा रहा था उसके बिरुद्ध ही अभियोग बनता है। वही जब यह पूछताछ की जाने लगी कि शिलापट्ट कहां है तो उन्होंने कहा कि उसको तोड़ कर नष्ट कर दिया गया है। इससे यह साबित हो रहा है की उपजिलाधिकारी विधायक रामचन्द्र चौधरी को बचाने का प्रयास कर रहे है, इसलिए उन्होंने सबूत मिटा दिया। प्रश्न यह है कि जब सबूत ही नहीं तो उन 4 मजदूरो का क्या दोष जो बलि का बकरा बनाये जा रहे है।
इस पूरे प्रकरण पर जब विधायक रामचन्द्र से जानकारी ली गयी तो उन्होंने कहा कि मेरे विरोधी , मेरे नाम का शिलापट लगवा कर मुझे फ़साने की साजिश कर रहे है।
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