कानून के अनुसार प्रतिनिधि को वापस बुलाने के लिए क्षेत्र का कोई
भी मतदाता कम से कम क्षेत्र के एक-चौथाई वोटरों से हस्ताक्षर कराकर स्पीकर
के समक्ष याचिका दायर कर सकता है। याचिका की प्रमाणिकता की जांच करने के
बाद स्पीकर आवेदन को सत्यापन के लिए चुनाव आयोग को भेजेगा और वोटरों के
हस्ताक्षर की सत्यता की जांच की जाएगी। आयोग हस्ताक्षर को प्रमाणित करेगा
और विधानसभा क्षेत्र या संसदीय क्षेत्र में 10 जगह वोटिंग कराई जाएगी।
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बिल के मुताबिक अगर चुनाव में तीन-चौथाई वोट प्रतिनिधि के खिलाफ जाते हैं
और रिकॉल प्रक्रिया के पक्ष में जाते हैं तो सदस्य को वापस बुलाया जा
सकेगा। परिणाम प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर स्पीकर इसकी सार्वजनिक
अधिसूचना जारी करेंगे और सीट खाली होने के बाद चुनाव आयोग इस सीट पर
उपचुनाव करा सकता है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव देश के हर नागरिक का अधिकार है और इससे लोगों
को अपने प्रतिनिधियों को हटाने का अधिकार प्राप्त हो जाएगा। गांधी ने आगे
कहा कि अभी तक जनता के पास ऎसा कोई तरीका नहीं जिससे वह अपने द्वारा चुने
गए प्रतिनिधि के काम से असंतुष्ट होने पर उसे वापस बुला सके।
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