इसी तरह 10 माइक्रॉन से छोटे आकार के धूल के कण मानक से 7 गुना ज्यादा पाए गए। इसी क्रम में पीएम 2.5 की मात्रा का औसत 220 मिला। 24 घंटे में यह न्यूनतम 50 और अधिकतम 500 रिकॉर्ड किया गया, जबकि इसकी मात्रा 40 से कम होनी चाहिए। हवा में घुलते इस जहर के प्रति जब सरकारें उदासीन नज़र आ रहीं हैं , अभी हाल ही में व्हीसल ब्लोवर ट्रस्ट की केयर फ़ॉर एयर टीम के लोगों ने सड़कों पर जागरूकता अभियान चलाया । पिछले दिनों ये शहर में घूम-घूम कर लोगों को न सिर्फ जागरूक कर रहे हैं, बल्कि पोस्टकार्ड अभियान भी चला रहे हैं, जिसे वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाएंगे।दिल्ली और चीन की राजधानी बीजिंग आदि का उदाहरण देते हुए केयर फ़ॉर एयर टीम के सदस्यों नें लोगों को बताया कि जो हालात दिल्ली के अंदर हैं,वही हालात आज से 10 वर्ष पहले चीन की राजधानी बीजिंग में थे। वहां जब लोगों ने यह बात समझ ली कि वायु प्रदूषण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है,तब से उन्होंने प्रयास शुरू किए और आज बहुत हद तक एक बेहतर स्थिति में पहुंच सके हैं।
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