लखनऊ। यूपी का चुनाव अपने आप में ही अहम होता है कहा जाता है कि ये लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल की तरह होता है।जो जीता वहीं सिकंदर लेकिन अभी के हालात ने सभी को असमंजस में डाल दिया है। [@ एक ऐसा मंदिर जिसमें शिला रूपी स्वयंशम्भू का आकार बढ़ रहा है ]
पिछले साल यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए चौंकाने वाले परिणाम दिए थे।लेकिन इस बार समाजवादी पार्टी में उपजा असंतोष खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
सिंबल को लेकर सपा के विवाद में चुनााव आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया है,जल्द आने वाला चुनाव आयोग का फैसला कुछ भी हो सिंबल फ्रीज हो या अखिलेश गुट को मिले या फिर खुद मुलायम गुट के नाम हो। यह तय है कि बड़ा रोड़ा मुलायम गुट के सामने खड़ा हो गया है।
वैसे इस पूरे दंगल से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही नहीं बल्कि भाजपा,बसपा और कांग्रेस भी असमंजस में हैं।कहा जा सकता है कि इस बार के चुनाव में सपा के साथ बाकी प्रत्याशियों में अभी तक कन्फूजन बरकरार है ।
हालात की बात करें तो चुनाव से पहले ही सपा उम्मीदवारों की शक्ति आधी हो चुकी है और सामने अंधकार सा पसरा है। हालांकि बसपा जरूर चाहेगी कि सपा का असमंजस अल्पसंख्यक वर्ग को उनके साथ एकजुट कर दे।
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