बरेली। उरी हमले और उसके जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर दरगाह आला हजरत ने 24 नवंबर को होने वाले सालाना उर्स-ए-रजवी में हिस्सा लेने के लिए किसी भी पाकिस्तानी धर्मगुरु को नहीं बुलाने का फैसला किया है। पाकिस्तान के छह धर्म गुरुओं की ओर से दरगाह के उर्स में शामिल होने की गुजारिश आई है, पर दरगाह प्रबंधन ने फैसला किया है कि इनमें से किसी को भी यहां आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। पिछले साल दरगाह प्रबंधन ने पाकिस्तान से 12 धर्म गुरुओं को उर्स में आने का न्योता दिया था, जिनमें से पांच यहां आए थे।
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