कुल्लू(धर्मचंद यादव)। पहाडी राज्यों में उगने वाली औषधीय गुणों से युक्त जडी-बूटी छरमा (सिबकर्थोन) का दोहन करने के लिए बनाई गई महत्वाकांक्षी परियोजना मिशन गीन इंडिया प्रोजैक्ट के तहत जनजातीय जिला लाहुल स्पीति में विद्यायन सयंत्र स्थापित होगा। जिससे जनजातीय जिला लाहुल स्पीति जैसे शीत मरूस्थल के नाम से जाने जाने वाले क्षेत्र में इसका दोहन किया जा सके। इसके लिए लाहुल-स्पीति के भांगसर गांव में साढे छह करोड रुपए की लागत से छरमा सिबकर्थोन पर आधारित विधायन सयंत्र स्थापित होगा। [# फलों से मिठाईयां बनाने के गुर सीख रहीं महिलाए्ं] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
यह यूनिट पूर्णतया सीओटू सुपर क्रिटिकल विधायन पर आधारित होगा। छरमा सोसायटी लाहुल-स्पीति व अर्जुन बायोटिक प्राइवेट लिमिटेड संयुक्त रुप से इस सयंत्र को स्थापित करेगी जिसके लिए औपचारिकताएं पूरी की जा रही है। छरमा सिबक र्थोन को हिमालय क्षेत्रों का वंडर प्लांट होने का दर्जा हासिल है। ऐसे में अनेकों जीवन दायी दवाईयों के बनने से एक ओर जहां लोगों को संजीवनी मिलेगी ओमेगा-7 जैसे सौंदर्य के प्रहरी त्वचा को जवां राने में क्रांतिकारी भूमिका अदा करेंगे। छरमा यानि सिबकर्थोन से बना ओमेगा-7 उत्पाद फिल्मी जगत में काफी तहलका मचा चुका है। चेहरे की झूरियों को खत्म करने व त्वचा में निखार लाने में सहायक ओमेगा-7 रामवाण सिद्ध हो रहा है।
पांच राज्यों में खर्च होगा एक हजार करोड
भारत सरकार इस परियोजना पर एक हजार करोड खर्च करने जा रही है। इसमें पांच राज्यों अरुणाचल प्रदेश, उतराखंड, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम तथा हिमाचल के शीत मरुस्थलीय क्षेत्रों को हरा भरा करने का लक्ष्य रखा गया है। एक हजार करोड में से हिमाचल के लाहुल-स्पीति, पांगी-भरमौर, किन्नौर पर 300 करोड रुपए खर्च होंगे।
यूनिट लगने से ये होगा फायदा
जानकारों की माने तो इस यूनिट के स्थापित होने से लाहुल-स्पीति के अंदर जितनी काफी वनस्पतियां है उनसे 1800 से 2000 किस्म का तेल निकाला जा सकता हैं। यहां लगने वाला यह सयंत्र भारत वर्ष में अपने आप में अलग ही किस्म का एक खास यूनिट होगा जिसमें एंटी ऐजिंग, एंटी कैंसर, सोरियासिज, एटोपिक, एकजेंमा, स्किन टोनिंग से संबंधित अनेकों महत्वपूर्ण औषधियों का उत्पादन होगा।
चीन ने इजाद किए कई पदार्थ
भारत के पडोसी देश चीन ने लाखों हेक्टेयर बंजर भूमि में छरमा सिबकर्थोन की खेती करके दो सौ से ज्यादा कष्टनिवारक दवाईयों के साथ साथ सौंदर्य प्रसाधन, जूस, जैम, बीयर, शराब आदि खाद्य एवं पेय पदार्थों का भी उत्पादन कर चुका है।
जल्द स्थापित होगा विधायन सयंत्र : परशीरा
छरमा सोसायटी लाहुल-स्पीति के के अध्यक्ष वीडी परशीरा का कहना है कि अभी छरमा का उत्पादन कम होने की वजह से खंगसर में स्थापित होने वाला विधायन सयंत्र स्थापित नहीं हो पाया है लेकिन इसके लिये लाहुल में छरमा के उत्पादन को बढाया जा रहा है और जल्द ही यह विधायन सयंत्र स्थापित होगा। उनका कहना है कि इस सयंत्र के स्थापित होने से जनजातीय क्षेत्र के लोग आर्थिक रूप से और सुदृढ होंगे और यहां छरमा लगने से भूमि कटाव भी रूकेगा तथा पर्यावरण के लिए यह पौधा बहुत ही लाभदायक होता है। इससे लाहुल की बंजार भूमि भी सोना उगलने लगेगी।
कृषि कानून : ट्रैक्टर रैली पर किसानों की पुलिस के साथ बैठक खत्म, राकेश टिकैत बोले- रैली होकर रहेगी
बिहार : मंत्रिमंडल विस्तार से भाजपा, जदयू क्षेत्रीय, सामाजिक समीकरण साधने की करेंगे कोशिश!
ब्रिस्बेन में भारत की जीत ने बढ़ाया देश का गौरव : सोनिया गांधी
Daily Horoscope