जैसलमेर। आज के समय में स्लिप डिस्क की समस्या से बड़ी संख्या में लोग पीडि़त हैं। इसके इलाज़ के लिए लाखों रुपए भी खर्च करते हैं मगर, जैसलमेर में इन दिनों यूनानी चिकित्सा पद्धति से स्लिप डिस्क का इलाज बिना किसी खर्चे के हो रहा है। पिछले लम्बे समय से स्लिप डिस्क के मरीज जैसलमेर में इलाज नहीं होने की वजह से लाखों खर्च कर जोधपुर या फिर गुजरात की राह पकड़ रहे थे लेकिन, अब यूनानी चिकित्सा पद्धति ने उनकी ये समस्या खत्म कर दी है। जैसलमेर में इन दिनों यूनानी चिकित्सा पद्धति का लाभ स्लिप डिस्क के मरीजों को मिल रहा है और वे आश्चर्यजनक रूप से इस समस्या से मुक्ति भी पा रहे हैं। यूनानी चिकित्सा के डॉ. यासिर का कहना है कि इन दिनों भारत में स्लिप डिस्क जैसी बीमारी के मरीजों की तादाद काफी बढ़ गई है। इसके लिए लोग एलोपैथी से इलाज़ करवा रहे हैं जो काफी मंहगा भी होता है। हर आदमी इसका खर्च नहीं उठा पाटा है। मगर यूनानी चिकित्सा में कप थेरेपी के द्वारा हम इसका इलाज़ करते हैं और इसमें आदमी के स्वस्थ होने की सौ प्रतिशत गारंटी होती है। इस पद्धति में हम वेक्यूम की तरह मांसपेशियों में भरी गैस को बाहर निकालते हैं और लगातार इस तरह की थेरेपी का इस्तेमाल करने से आदमी स्वस्थ हो जाता है। यूनानी चिकित्सा के बारे में बताते हुए डॉ.यासिर ने बताया कि यूनानी चिकित्सा पद्धति को केवल यूनानी या हिकमत के नाम से भी पुकारा जाता है। इसे यूनानी-तिब या केवल यूनान के नाम से भी जाना जाता है। यूनानी तिब में यूनानी शब्द मूलत: लोनियन का अरबी रूपांतरण है जिसका अर्थ ग्रीक या यूनान है। भारत में सौ से अधिक यूनानी चिकित्सा विश्वविद्यालयों में यूनानी चिकित्सा पद्धति सिखाई जाती है। यह प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के करीब है। इसे भारत में भी वैकल्पिक चिकित्सा माना गया है। [@ अमेरिका के 911 की तर्ज पर बना डायल 100 कैसे काम करेगा...जानिए इसकी टेक्नोलॉजी]
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