मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना को साथ लाने में बीजेपी की नई सरकार जुटी हुई है। लेकिन शिवसेना अभी तक मानी नहीं है। शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने बीजेपी को यह संकेत दे दिया है कि सरकार में उसकी हिस्सेदारी 2:1 के अनुपात में होगी। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना ने 10 नवंबर तक इंतजार करने का फैसला किया है। अगर तब तक बीजेपी ने शिवसेना की शतेंü नहीं मानीं तो पार्टी 10 नवंबर को बीजेपी के खिलाफ वोट डालेगी। लेकिन बताया जा रहा है कि कई शतोंü पर अ़डी शिवसेना ने उप मुख्यमंत्री और स्पीकर के पद की मांग छो़ड दी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शुRवार को वानखे़डे स्टेडियम में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी की मान मनौव्वल के बाद शामिल हुए। बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले महाराष्ट्र विधानसभा में नेता, विपक्ष का भी चुनाव कर लिया था। बताया जा रहा है कि शिवसेना नेता रवींद्र वायकर को उद्धव महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के खिलाफ विपक्ष का नेता बनाना चाहते थे। जब इस बात की भनक बीजेपी को लगी तो पार्टी की ओर से फोन कॉल का सिलसिला शुरू हो गया।
बताया जाता है कि शुक्रवार की दोपहर में बीजेपी के तीन नेताओं ने पांच घंटे के भीतर पांच बार उद्धव को फोन किया। देवेंद्र फडणवीस ने तीन, अरूण जेटली और अमित शाह ने एक-एक बार फोन किया। देवेंद्र के बारे में तो यह बताया जा रहा है कि फोन पर बातचीत के दौरान देवेंद्र भावुक हो गए और उन्होंने उद्धव ठाकरे से बाला साहब ठाकरे के उस सपने का भी जिक्र किया, जिसमें बाला साहब उनकी सरकार बनते देखना चाहते थे।
दूसरी ओर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उद्धव से फोन पर कई बार यही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि शिवसेना प्रमुख वानखेडे स्टेडियम पहुंचें। यही नहीं, अमित शाह ने उद्धव को यह भरोसा भी दिलाया कि शिवसेना को सरकार में हिस्सेदारी मिलेगी और मतभेद के सारे मुद्दे सुलझाए जाएंगे। इसके बाद उद्धव अपनी पत्नी रश्मि के साथ वानखेडे स्टेडियम पहुंचे थे। शपथ ग्रहण समारोह के बाद अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत भी हुई थी।
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