नागौर। प्रदेश की बड़ी मंडियों में शुमार मेड़ता सिटी मण्डी में व्यापारी तथा काश्तकारों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 500 तथा 1000 का नोट बंद होने से पूर्व मेड़ता मण्डी में सीजन के दौरान प्रतिदिन दलहन जिंस मूंग सहित 10 से 15 हजार बोरी कृषि जिंसों की आवक होने से रोजाना 6 से 7 करोड़ का कारोबार हो रहा था। अचानक हुई नोटबंदी के चलते 9 तारीख से लेकर आज तक मंडी वीरान पड़ी है। जिससें यहां एक अरब से अधिक का कारोबार ठप हुआ है। साथ ही मण्डी का ई-नेम प्रोजेक्ट सहित केंटीन, चाय, पकौड़ी के ठेले इत्यादि भी बंद पड़े हैं। यही हालात मेड़ता इंडस्ट्रीज का है। जहां 10 दिनों से मशीने बंद पड़ी है। तथा यहां भी करोड़ों का कारोबार ठप हुआ है। मण्डी में अनुमानित एक अरब का कारोबार ठप होने से मण्डी समिति को टैक्स के रूप में अर्जित होने वाले एक करोड़ रुपए से अधिक की आय की चपत लगी है। मण्डी सचिव रघुनाथराम सिंवर ने बताया कि मण्डी को इन दिनों यहां हो रही समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र से ही मण्डी टैक्स के रूप में नाम मात्र की आय हासिल हो रही है।
रोजी-रोटी का संकट
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