रानी की सराय-आजमगढ़। कानपुर में हुये
रेल हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी। यह तीनों शव एक साथ घर
लाये गये। यह घर वैवाहिक समारोह वाला घर था। ऐसे में तमाम रिश्तेदार, नातेदार भी आ चुके
थे। पलभर में विवाह की सारी खुशियां गम में बदल गयी। अभी इस परिवार की एक बच्ची
मौत की दहलीज पर है।
ट्रेन हादसे में रानी की सराय
थानाक्षेत्र के सिरसाल गांव निवासी एक ही परिवार के तीन की मौत होने से परिवार में
दुखो का पहाड टूट पडा। सोमवार को प्राइवेट वाहन ट्रक से ज्यो ही तीनो शव गांव में
पहुचा पूरा गंाव रो पडा। रानी की सराय थाना क्षेत्र के सिरसाल गंाव निवासी
दलसिगंार यादव का पुत्र रामनवल अपने पुत्र और पत्नी के साथ इन्दौर में रहता था और
इंदौर में ही एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था। रामनवल के पुत्र शैलेश यादव (25वर्ष)जो
इलेक्ट्रिशीयन का काम करता था।
शैलेष का 23 नवम्बर को द्वारगमन था। बहू को लाने
के लिए रामनवल (50वर्ष), उनका पुत्र शैलेश उम्र 25 वर्ष, रामनवल का भांजा सुनील यादव (30वर्ष) और रामनवल की
नतनी शेजल जो दिब्यांग है एक साथ उसी ट्रेन पर सवार होकर सिरसाल आ रहे थे।
पटना-इंदौर एक्सप्रेस के कानपुर के पास हुये हादसेमें रामनवल, उसका पुत्र
शैलेष व भांजा सुनील काल के गाल में समा गये। जबकि केवल दिव्यांग शेजल जख्मी
अवस्था में मिली। शेजल को उपचार के लिए हैलेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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