जोधपुर। रेगिस्तान के कुछ हिस्सों में एक बीमारी को भूत-प्रेत का साया माना जाता है और मरीज को डॉक्टर के पास ले जाने की बजाय बाबाओं के पास ले जाया जाता हैं। इसके पीछे उनका मत होता है कि मरीज पर किसी राक्षस या चुड़ैल का साया है। मरीज को दौरा पडऩे के वक्त जूता या चप्पल सुंघाया जाता है, दरअसल मिथक रहा है कि इससे भूत प्रेत का साया चला जाता है लेकिन, जोधपुर के डॉ. नगेन्द्र शर्मा ऐसे भूत प्रेत के साये को दवा देकर भगाते हैं। शर्मा बताते है कि असल में ये एपिलेप्सी बीमारी है लेकिन, गांवों में मिर्गी के दौरे को बुरा साया माना जाता है। डॉॅ. शर्मा ने अब तक 60000 मरीजों को इस बीमारी से निजात दिलाई है। डॉ. नगेन्द्र शर्मा पिछले 19 वर्षों से मिर्गी के मरीजों के लिए नि:शुल्क शिविर लगा रहे हैं। न्यूरोसर्जन शर्मा के अब तक 214 शिविरों में साठ हजार रोगियों का मुफ्त में इलाज हुआ है। नगेन्द्र बताते हंै कि अज्ञानता और अन्धविश्वास के चलते कुछ लोग मिर्गी के मरीज को पागल तक करार देते हैं। कई बार देखा गया है कि उन्हें जूता तक सुंघाया जाता है।
यहां दवा से भागते हैं भूत
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मुहर
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